बिहार में वाम दलों की बढ़ी ताकत

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में वाम दल अच्छा प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। उनके उम्मीदवार 18 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन में शामिल तीन प्रमुख वाम दलों- सीपीआई (माले), सीपीआई और सीपीएम- ने कुल 29 सीटों पर चुनाव लड़ा। सीपीआई (माले) ने 19, सीपीआई ने छह और सीपीएम ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा।
पिछले विधानसभा चुनाव में इन तीनों दलों में से सिर्फ सीपीआई (माले) को तीन सीटें मिली थीं। साल 2010 में सीपीआई सिर्फ एक सीट जीती थी। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, सीपीआई (माले) 12 और सीपीआई एवं सीपीएम तीन-तीन सीटों पर आगे हैं। सीपीआई (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी बढ़त उम्मीद के मुताबिक है और हम तीन और सीटों की आशा कर रहे हैं। यह अलग तरह का चुनाव था। एक तरह से जनांदोलन था। हमने नौजवानों, छात्र नेताओं, किसानों के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया। ऐसा सफल होता दिख रहा है।
वहीं अगर सभी सीटों की बात करें तो एनडीए में शामिल बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी के प्रत्याशी कुल 130 सीटों पर आगे चल रहे हैं। वहीं महागठबंधन 101, एलजेपी 2 और अन्य उम्मीदवार 10 सीटों पर आगे चल रहे हैं। बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं और बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। एनडीए अभी तक के रुझानों में बहुमत के आंकड़ों से आगे चल रहा है।प्रमुख उम्मीदवारों की बात करें तो एनडीए में शामिल हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी गया की इमामगंज सीट से जीत गए हैं। वहीं लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय परसा विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के उम्मीदवार थे, उन्हें आरजेडी प्रत्याशी ने हरा दिया है। तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और नंदकिशोर यादव जैसे नेता अपने-अपने क्षेत्र में बढ़त बनाए हुए हैं।