पतंजलि में बाबा का कुनबा: भाई-बहन सबकी हिस्सेदारी

अमृतांशु मिश्र। पतंजलि आयुर्वेद की शुरुआत से ही बाबा रामदेव कंपनी का प्रमुख चेहरा रहे हैं। पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण हैं, लेकिन करीब 10,000 करोड़ रुपये सालाना रेवेन्यू वाला एफएमसीजी कारोबार खड़ा करने में रामदेव की भूूूमिका कहींं ज्यादा बड़ी है। इन दोनों चेहरों के पीछे बाबा रामदेव के छोटे भाई राम भरत भी कंपनी की सफलता के लिए लगातार काम करते रहे। करीब 40 वर्षीय राम भरत कंपनी के दैनिक कामकाज को देखते हैं। राम भरत की चर्चा मीडिया मेें विरले ही होती है, लेकिन 19 अगस्त (2020) को जब वह पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी रुचि सोया के बोर्ड द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गए तब उनका नाम चर्चा में आया। इससे पहले यह पद आचार्य बालकृष्ण के पास था। रुचि सोया का पतंजलि ग्रुप ने दिसंबर 2019 में अधिग्रहण किया था। तब बालकष्ण को उसका एग्जीक्युटिव डायरेक्टर और सीएमडी बनाया गया था। इसके अलावा भरत को पूर्णकालिक निदेशक और रामदेव को गैर-कार्यकारी निदेशक का जिम्मा दिया गया था। लेकिन अब बोर्ड में हुए बदलाव के चलते बाबा रामदेव के दाएं हाथ माने जाने वाले राम भरत मजबूत भूमिका के साथ सेंटर स्टेज में आ गए।
राम भरत ने पतंजलि ग्रुप में मैनेजर के तौर पर शुरुआत की थी और धीरे-धीरे चीफ जनरल मैनेजर के पद तक पहुंचे। अक्टूबर 2017 में उन्हें पतंजलि आयुर्वेद के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया था। हालांकि वह शुरुआत से ही कंपनी के कामकाज को संभालते रहे हैं। ये जानकारियां सरकारी दस्तावेज के हवाले से बिजनेस स्टैण्डर्ड व कई मीडिया रपटों मेें दी गई हैं। तीन भाइयों और एक बहन में राम भरत तीसरे नंबर पर हैं। बाबा रामदेव के बड़े भाई देवदत्त यादव अब भी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में ही अपने परिवार के साथ रहते हैं। लेकिन बाबा रामदेव के माता-पिता रामनिवास यादव और गुलाबो देवी समेत पूरा परिवार अमूमन हरिद्वार में ही रहता है। बाबा रामदेव की यात्रा में राम भरत शुरू से ही साथ रहे हैं और पतंजलि आयुर्वेद के 4 स्तंभों में से वह एक हैं। उनके अलावा तीन स्तंभों में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और स्वामी मुक्तानंद हैं, जो कंपनी के संस्थापक हैं। ग्रुप के संचालन की बात करें तो बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण रणनीति बनाने का काम करते हैं। इसके अलावा बालकृष्ण प्रोडक्ट डेवलपमेंट का काम भी देखते हैं। स्वामी मुक्तानंद पतंजलि योगपीठ का कामकाज देखते हैं और वैदिक ब्रॉडकास्टिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर काम करते हैं। हालांकि कारोबार में उनकी सक्रिय भूमिका नहीं है। पतंजलि आयुर्वेद के दैनिक कामकाज की जिम्मेदारी राम भरत के कंधों पर है। मैन्युफैक्चरिंग के लिए खरीद, सप्लाई चेन, रिक्रूटमेंट से लेकर रोजाना कैश फ्लो तक का काम वह संभालते हैं। राम भरत के अलावा परिवार के कई और सदस्य भी ग्रुप से जुड़ेे हैं। पिता रामनिवास यादव के पास कोई आधिकारिक जिम्मेदारी नहीं है। लेकिन, उन्हेें पतंजलि आयुर्वेद के खेतों का कामकाज देखते हुए देखा जा सकता है। बाबा रामदेव की छोटी बहन ऋतंभरा के पति यशदेव शास्त्री भी पतंजलि ग्रुप की दो कंपनियों में निदेशक बताए जाते हैं। अलवर (राजस्थान) मेें उनकी फर्म ऋतंभरा फूड्स है, जो पतंजलि को सरसों के बीज की भी सप्लाई करते रही है। ऋतंभरा और राम भरत की पत्नी स्नेहलता घरेलू महिलाएं हैं, लेकिन ग्रुप की कुछ कंपनियों में वे भी डायरेक्टर की पोजिशन रखती हैं। ऋतंभरा और राम भरत की पत्नी स्नेहलता घरेलू महिलाएं हैं, लेकिन ग्रुप की कुछ कंपनियों में वे भी डायरेक्टर की पोजिशन रखती हैं।