सृजनात्मक मिलनोत्सव है हिंदी मेला

कोलकाता। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 26वें हिंदी मेले के पांचवें दिन वाद-विवाद, भाव नृत्य और कोलकाता काव्य उत्सव का आयोजन किया गया। कोलकाता काव्य उत्सव में देश-विदेश से प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया। पहले सत्र में वरिष्ठ कवि अरुण कमल, डॉ. शंभुनाथ, विनोद प्रकाश गुप्त, मंजू श्रीवास्तव, आशुतोष, राज्यवर्धन, मॉरीशस से सुरीति रघुनंदन, अभिज्ञात, निर्मला तोदी, सेराज खान बातिश, गुजरात से प्रमोद तिवारी और राहुल शर्मा ने अपनी कविता पाठ किया। सत्र की अध्यक्षता करते हुए अरुण कमल ने कहा कि उन्होंने नौ महीने बाद किसी कवि गोष्ठी में हिस्सा लिया। हिंदी मेला ने बहुतों को सृजन पटल पर मिला दिया।आज के कवि प्रतिरोध और लोकधर्मिता के भाव से भरे हैं। दूसरे सत्र में प्रियंकर पालीवाल, मृत्युंजय, अनुज लुगुन, केन्या से मनीषा कंठालिया, राजेश मिश्र, आनंद गुप्ता, कलावती कुमारी, नीलम प्रसाद, इबरार खान और मधु सिंह ने काव्य-पाठ किया। अध्यक्षता करते हुए कवि विनोद प्रकाश गुप्त ने कहा कि कवियों की नई पीढ़ी संभावनाओं से भरी है।तीसरे सत्र में वरिष्ठ कवि अष्टभुजा शुक्ल, बसंत त्रिपाठी, कालीप्रसाद जायसवाल नीतू सिंह भदौरिया, मनीषा गुप्ता, मुकेश मंडल, नागेंद्र पंडित, पंकज सिंह, कनाडा से सिद्धार्थ वत्स, पूजा सिंह, सूर्यदेव रॉय, राजेश सिंह और निखिता पांडेय ने काव्य पाठ किया। इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए अष्टभुजा शुक्ल जी ने कहा कि हिंदी मेला का यह आयोजन हिंदी कविता के लिए सृजनात्मक मिलनोत्सव है।काव्य उत्सव का सफल संचालन आनंद गुप्ता, राहुल शर्मा और राहुल गौड़ ने किया।
वाद-विवाद प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित हुई। ‘अ’ वर्ग के निर्णायक के रूप में शुभ्रा उपाध्याय एवं कलावती कुमारी उपस्थित थीं। शुभ्रा उपाध्याय ने कहा कि वाद-विवाद का यह प्रयास क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। सभी बच्चों ने अच्छे तरीके से अपनी बातों को रखा। भारतीय दर्शन आनंदवाद का दर्शन है। हम सब आशान्वित है, यही हमारा पाथेय है। कलावती कुमारी ने कहा कि बच्चों ने बहुत तार्किकता से उत्तर दिया, जो काफी प्रशंसनीय है। आपदा और अवसर एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जो सदा हमारे साथ चलते रहते हैं। भाव नृत्य प्रतियोगिता में बतौर निर्णायक प्रो. तृषा बनर्जी और चंद्रिमा मंडल उपस्थित थीं। इस प्रतियोगिता का सफल संचालन पूजा दुबे ने तथा धन्यवाद ज्ञापन रूपेश यादव ने दिया।