नए बदलावों का असर : एप्प को अनइंस्टॉल कर रहे लोग

नई दिल्ली। इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप नए डेटा प्राइवेसी नियम ला रहा है। इसके बाद से दुनियाभर में व्हाट्सएप को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। नए अपडेट के मुताबिक, व्हाट्सएप यूजर डेटा को फेसबुक की अन्य कंपनियों के साथ शेयर करेगा। अपडेट में कहा गया कि व्हाट्सएप की सर्विस जारी रखने के लिये यूजर्स को 8 फरवरी, 2021 तक नई डेटा शेयरिंग पॉलिसी को मानना ही होगा या वे एप्प को अनइंस्टॉल कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि क्या है व्हाट्सएप की नई पॉलिसी और आपके पास क्या विकल्प मौजूद हैं। कंपनी का कहना है कि इस डेटा का उपयोग विश्लेषण संबंधी उद्देश्य के लिए किया जाएगा। इसका मतलब है कि फेसबुक के पास पहले से ज्यादा डेटा का एक्सेस होगा और फेसबुक की अन्य कंपनियां इसका इस्तेमाल आप तक अपने प्रोडक्ट की पहुंच के लिए करेंगी। ऐसे दौर में जब डेटा एक उपयोगी चीज बन गया है, इसे शेयर करके फेसबुक और उसकी कंपनियां बड़ा लाभ कमाना चाहती हैं।
क्या व्हाट्सएप डिलीट करने से बनेगी बात?
अगर आप अपना डेटा शेयर नहीं करना चाहते तो फोन से ऐप अनइंस्टॉल करने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि आपका जितना भी डेटा स्टोर किया गया है वह तुरंत डिलीट हो जाएगा। व्हाट्सएप पर यह लंबे समय तक स्टोर रखा रह सकता है। व्हाट्सएप के मुताबिक, ‘जब भी अकाउंट डिलीट करें तो ध्यान रखें कि आपके द्वारा बनाए गए ग्रुप्स की जानकारी या अन्य लोगों के साथ की गई आपकी चैट जैसी जानकारी को प्रभावित नहीं करता है।’
क्या है आखिरी रास्ता: बता दें कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी 8000 शब्दों से भी ज्यादा लंबी है और इसमें इस प्रकार के कानूनी शब्दों का इस्तेमाल किया गया है कि एक आम आदमी को आसानी से समझ में ना आए। ऐसे में अगर आप व्हाट्सएप के नए नियमों को स्वीकार नहीं करना चाहते तो बेहतर होगा कि आप सिंगल मैैसेंजर जैसे किसी अन्य एप्प का इस्तेमाल कर लें।