बालकृष्ण: स्वदेशी का ढोंग, रेंज रोवर की सवारी

अमृतांशु मिश्र। बाबा रामदेव और उनके शिष्य बालकृष्ण स्वदेशी का झंडा उठाने में सबसे आगे भले ही रहते हों मगर दूसरों को पाठ पढ़ाने वाले ये योगी अपने ऊपर उसका इस्तेमाल नहीं करते। चीन से समझौते करेंगे, वहां से रक्त चंदन लायेंगे और रेंज रोवर चलेंगे लेकिन स्वदेशी का ढोंग करेंगे।
आपको बताना जरूरी है कि बाबा रामदेव औैर उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की गिनती देश के अमीर उद्योगपतियों में होती है। पतंजलि आयुर्वेद की 98.5 पर्सेंट हिस्सेदारी रखने वाले आचार्य बालकृष्ण का रुतबा बाबा रामदेव से कम नहीं है। कंपनी के वरिष्ठता क्रम में उन्हें बाबा रामदेव के बाद दूसरे नंबर पर माना जाता है। आचार्य बालकृष्ण को पतंजलि आयुर्वेद की रणनीति तैयार करने और उसके हर्बल प्रोडक्ट्स के सेगमेंट को खासतौर पर संभालने के लिए जाना जाता है। बता दें कि आचार्य बालकृष्ण का जन्म हरिद्वार में एक नेपाली परिवार में हुआ। उनका बचपन भी नेपाल में ही बीता। भारत लौटने के बाद आचार्य बालकृष्ण हरियाणा के खानपुर गुरुकुल में पढ़ाई करने आ गए। गुरुकुल में उनकी मुलाकात बाबा रामदेव से हुई और दोनों मित्र बन गए। फिर आचार्य बालकृष्ण ने 2006 में बाबा रामदेव के साथ मिलकर पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की। इसके बाद से आचार्य बालकृष्ण बाबा रामदेव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। आज इस कंपनी का सालाना टर्नओवर 10,000 करोड़ रुपए के करीब है। पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण अरबपति हैं। देश के अमीरों की लिस्ट में उनका नंबर 18वें स्थान पर हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक आचार्य बालकृष्ण की संपत्ति 46,800 करोड़ रुपए की है। लिस्ट के मुताबिक 2019 के मुकाबले उनकी रैंक में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वह पहले की तरह ही 18वें नंबर पर हैं। आचार्य बालकृष्ण को पतंजलि आयुर्वेद की रणनीति तैयार करने के लिए जाना जाता है। अरबपति आचार्य बालकृष्ण चीजें वो इस्तेमाल करते हैं, जो दुनिया के टॉप ब्रांड्स में शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक आचार्य बालकृष्ण रेंज रोवर कार से चलते हैं और आईफोन का इस्तेमाल करते हैं। आचार्य बालकृष्ण पतंजलि समूह की ओर से स्थापित पतंजलि यूनिवर्सिटी के कुलपति भी हैं। उन्होंने वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। अक्सर सफेद वस्त्रों में ही नजर आने वाले आचार्य बालकृष्ण के पास कोई प्रोफेशनल डिग्री नहीं है, लेकिन वो देश के सबसे अमीर सीईओ में से एक माने जाते हैं।