यूपी पंचायत चुनाव: मार्च में आयोग चाहता है चुनाव

लखनऊ। यूपी में सभी दलों ने पंचायत चुनाव की तैयारियां बहुत पहले से शुरू कर दी है। सरकार की तरफ से भी जल्द से जल्द तैयारियां पूरी कर लेने का दावा किया गया है। राज्य सरकार मार्च में पंचायत चुनाव कराना चाहती है। इसके विपरीत राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को चुनाव की तैयारी के लिए अभी और वक्त चाहिए। मतदाता सूची में संशोधन जैसे बड़े काम को देखते हुए मार्च में चुनाव की संभावना को एसईसी ने अव्यावहारिक करार दिया है।
एसईसी को लगता है कि सरकार को अपनी ओर से तैयारी पूरी करने में भी अधिक समय लग सकता है। हालांकि सरकार ने कोई आधिकारिक समयसीमा जारी नहीं की है, लेकिन यह संकेत दिया है कि वह बोर्ड परीक्षाओं से पहले मार्च के अंत तक पंचायत चुनाव पूरा कराना चाहती है। पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि आयोग मध्य मार्च तक मतदान शुरू करने के लिए मध्य फरवरी के आसपास अधिसूचना जारी कर सकता है। हालांकि सूत्रों का दावा अलग ही है। उनका कहना है कि एसईसी ने सरकार से कह दिया है कि मतदाता सूची के संशोधन को पूरा करने के लिए और समय की जरूरत है। ऐसे में सरकार की योजना के अनुसार चुनाव कराना संभव नहीं होगा। सरकार अपने लिए समयसीमा तय करने और उसके अनुसार परिसीमन, आरक्षण आदि से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन मतदाता सूची में संशोधन के लिए समय की जरूरत होगी। आयोग इस समय पूरे राज्य में मतदाता सूची संशोधन को अंतिम रूप देने में लगा है। जबकि तीन जिलों मुरादाबाद, शामली और गोंडा में ग्राम सभाओं और वार्डों का परिसीमन हो रहा है। इन तीन जिलों में पिछला चुनाव 2010 के आंकड़ों के आधार पर हुआ था। 2015 में किए गए परिसीमन को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था।वहीं, गौतमबुद्ध नगर सहित कुछ जिलों में नए ब्लॉक बनने से भी गांवों का परिसीमन अभी चल रहा है। सरकार 18 जनवरी तक इसे पूरा करने और अंतिम अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है। दूसरी ओर एसईसी चार महीने की जद्दोजहद के बाद 22 जनवरी को राज्य के बाकी हिस्सों के लिए मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन करने जा रहा है। आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, समस्या यह है कि हमें तीन जिलों मुरादाबाद, शामली और गोंडा में मतदाता सूचियों को संशोधित करने के लिए नए सिरे से काम करना हो रहा है। यहां नए ब्लाक के कारण ग्राम सभाओं में बड़े बदलाव हुए हैं। अधिकारी के अनुसार, मतदाता सूची संशोधन को पूरा करने के लिए कम से कम 30 से 35 दिनों की जरूरत होगी। इसका मतलब है कि हम फरवरी के अंत से पहले शेष जिलों और गांवों के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन नहीं कर सकते हैं। वह भी तब जब सरकार परिसीमन पूरा करने के लिए 18 जनवरी की समयसीमा पर मुहर लगाती है।