लैंड बिल पर संसदीय समिति ने मारी पलटी

Parliament_House
नई दिल्ली। लैंड बिल कानून पर लगातार जारी विरोध के बीच पलटी मारते हुए संसद की समिति ने मोदी सरकार के विधेयक में संशोधन समेत बदलावों को मंजूरी दे दी। संसद की संयुक्त समिति में संशोधन पेश कर बीजेपी सदस्यों ने सरकार के रुख में संभावित बदलाव का रास्ता साफ कर दिया है। यूपीए सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून के कुछ प्रावधानों को बहाल करने के लिए संशोधन प्रस्तावित हैं, जिनमें सहमति का प्रावधान और सामाजिक प्रभाव आकलन शामिल हैं।
सरकार ने 2013 के लैंड बिल में सभी बड़े संशोधनों को वापस लेने की तैयारी कर ली है। अगर सरकार ऐसा करती है तो लैंड बिल लगभग अपने मूल रुप के साथ लागू किया जा सकता है। लैंड बिल में जो नौ बड़े संशोधन थे, उनमें छह वापस लिए जा चुके हैं। बाकी तीन पर चर्चा होगी। फिलहाल सरकार ने बिल पर जमीन मालिकों की मंजूरी खत्म करने का प्रस्ताव वापस ले लिया है। सामाजिक प्रभाव का आकलन भी अब बरकरार रहेगा।
छह संशोधनों पर चर्चा की गई जिस पर आम सहमति थी। राजग के विधेयक में 15 संशोधनों में नौ व्यापक प्रकृति के थे और इनका कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया था।