कार्यकारिणी की बैठक: कर निर्धारण में आम सहमति बनाने का प्रयास

दिनेश शर्मा,गाजियाबाद। महापौर आशा शर्मा की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में संपत्ति कर से छूटे हुए भवनों को कर के दायरे में लाए जाने हेतु लिए गए निर्णय पर विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशन के उपरांत गाजियाबाद के नागरिकों/करदाताओं के बीच कर निर्धारण व यूजर चार्ज जमा किए जाने के संबंध में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी जिस के संबंध में बैठक में स्पष्ट किया गया कि गाजियाबाद नगर निगम की वित्तीय वर्ष 2021-22 के वार्षिक बजट हेतु आयोजित बैठक में निगम कार्यकारिणी द्वारा गुरुवार को संपत्ति कर निर्धारण के संबंध में निर्णय लेते हुए नगर निगम सीमा अंतर्गत जिन कालोनियों/विभिन्न जोन में स्थित ग्राम जैसे सिकरोड़,दुहाई,मकनपुर,भोपुरा, नायफल,महरौली,रईसपुर,बागू आदि तथा अन्य क्षेत्रों में निर्मित आवासीय एवं अनावासीय भवनों पर कर निर्धारण की कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे आवासीय भवनों पर वर्ष 2020- 21 से तथा अनावासीय भवनों पर वर्ष 2019-20 की गणना को प्रभावी मानते हुए कर निर्धारण की कार्रवाई की जाए जिन भवनों पर अब तक कर निर्धारण की कार्रवाई की जा चुकी है या कर निर्धारण हेतु नोटिस आदि जारी किए गए हैं उन पर जारी नोटिस के अनुसार ही कार्रवाई करते हुए संपत्ति कर जमा किया जाना है। निगम कार्यकारिणी समिति का निर्णय निर्गत नोटिसो व संपत्तिकर बिलों के जमा करने की प्रक्रिया पर प्रभावी नहीं होगा।यूजर चार्ज की वसूली के संबंध में भी निगम कार्यकारिणी समिति द्वारा लिए गए निर्णय के संबंध में भी यह स्पष्ट किया गया कि जिन वार्डों/ मोहल्लों में कूड़ा संग्रहण हेतु डोर टू डोर गाडिय़ां विगत वर्षों से जा रही हैं उन्हें पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार विगत 2 वर्षों का निर्गत बिलों के अनुसार ही भुगतान जमा किया जाना है तथा इसके उपरांत जिन वार्डों/ मोहल्लों में कूड़ा संग्रहण हेतु डोर टू डोर गाडिय़ां जानी शुरू हुई है उन क्षेत्रों से यूजर चार्ज वित्तीय वर्ष 2020-21 से जमा किया जाएगा। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर द्वारा यह भी कहा गया कि निगम कार्यकारिणी समिति द्वारा संपत्ति कर निर्धारण व यूजर चार्ज की वसूली के संबंध में लिया गया यह निर्णय निगम सदन के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाना है और सदन से पारित निर्णय के अनुसार ही उक्त के संबंध में आगामी कार्रवाई की जाएगी।