तोंदू पुलिस कर्मी करेंगे चार-चार घंटे की गश्त

गोरखपुर। यूपी पुलिस में भी अजब-गजब खेल चलता रहता है। एडीजी गोरखपुर जोन अखिल कुमार ने बैठक बुलाई है। वह भी केवल बड़ी तोंद वालों की। अधिक वजन वालों की। कोई बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। डरे-सहमें और घबराए पुलिस के जवान पुलिस लाइन में आयोजित बैठक में शामिल हुए। पर बैठक शुरू होने के बाद उनका डर गायब हो गया। उनकी घबराहट दूर हो गई। इसकी वजह रही। एडीजी ने बैठक में पुलिसकर्मियों की जुबानी उनकी समस्याएं सुनीं। मौजूद चिकित्सकों से बात की। उन्होंने यह महसूस किया कि पुलिस कर्मियों के वजन बढऩे के पीछे उनकी अनियमित दिनचर्या और ड्यूटी मूल वजह है। एडीजी ने अधिक वजन और बड़ी तोंद वाले कांस्टेबलों की ड्यूटी फिक्स कर दी। वे सुबह-शाम चार-चार घंटे गश्त करेंगे। इससे उनकी सेहत में सुधार हो गया और वे आराम से सो सकेंगे।
एडीजी गोरखपुर जोन अखिल कुमार गोरखपुर में तैनाती के बाद लगातार भ्रमण कर रहे हैं। थाने-पुलिस चौकियों पर जा रहे हैं। गश्त कर रहे सिपाहियों से मिलकर उनसे बातचीत कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि गोरखपुर में बड़ी संख्या में ऐसी पुलिसकर्मी हैं जिनका वजन आवश्यकता से ज्यादा है। कुछ की बड़ी तोंद हो गई है जिससे उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है। उनकी सेहत खराब हो रही है। उन्होंने इसे गंभीर समस्या के रूप में लिया और बुधवार को ऐसे पुलिसकर्मियों की पुलिस लाइन में बैठक बुलाई। एडीजी के निर्देश पर समय से ये पुलिसकर्मी पुलिस लाइन में पहुंच गए। बैठक में एडीजी ने कुछ चिकित्सकों को भी बुला रखा था। पुलिस कर्मियों का वजन कराया गया। तकरीबन 100 पुलिसकर्मियों का वजन ज्यादा मिला। दर्जन भर पुलिसकर्मी तो 100 किलो से अधिक वजन के मिले।
बैठक में मौजूद चिकित्सकों ने पुलिसकर्मियों को सलाह दी कि वे खुद को फिट रखने के लिए क्या करें और क्या न करें। कितनी देर कसरत करें और खाने-पीने में क्या-क्या परहेज करें। चिकित्सकों की सलाह के बाद खुद एडीजी अखिल कुमार ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने पुलिस कर्मियों से उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने महसूस किया कि पुलिसकर्मियों के इस हाल के पीछे एक वजह अनियमित दिनचर्या और ड्यूटी है। न इनके खाने का समय तय है और न सोने का। यही वजह है कि इनका वजन बढ़ रहा है। ब्लडप्रेशर और शुगर के मरीज हो रहे हैं। एडीजी ने कहा कि अधिक वजन वाले पुलिसकर्मी अब शहर में गश्त करेंगे। वह भी सुबह-शाम चार-चार घंटे। उनका मानना है कि ऐसा करने से पुलिसकर्मियों की सेहत सुधरेगी।