सीएम साहब! लखनऊ को चाहिए डीआईजी

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लखनऊ। (विसं.) आईपीएस यशस्वी यादव के पद हटने के बाद एसएसपी की कुर्सी डेढ़ महीने तक खाली रही। काफी जद्दोजहद के बाद 15 जून को एसएसपी राजेश कुमार पांडेय कुर्सी संभाली। ठीक इसी तर्ज पर रविवार को किए गए आंशिक फेरबदल में लखनऊ रेंज के डीआईजी आरके चतुर्वेदी को शासन ने हटा दिया गया। आरके चर्तुेवेदी डीआईजी बनने से पहले लखनऊ के एसएसपी रह चुके थे। डीआईजी पद से उन्हे हटे पांच दिन बीत चुका है लेकिन सरकार अभी तक लखनऊ रेंज के लिए नए डीआईजी का नाम नहीं तय कर पाई है। डीआईजी की रेस में शामिल लोगों में जो आधे दर्जन नाम सामने आए है उनमें एसएसपी पद से हटाएं गए यशस्वी यादव, प्रवीण कुमार के नाम भी शामिल है। यशस्वी यादव को लखनऊ से पहले कानपुर में भी जूनियर डाक्टर्स से मारपीट करने के आरोप में हटाकर कुछ दिन डीजीपी मुख्यालय से संबद्व किया गया। लेकिन यहां उन्हे ज्यादा दिन इंतजार नहीं करना पड़ा और उन्हे लखनऊ का एसएसपी बना दिया गया। राजधानी की कानून व्यवस्था संभालने में बुरी तरह विफल रहे यशस्वी यादव को हटा दिया गया। अब उनके लखनऊ रेंज के डीआईजी बनने की सुगुबुगाहट है। सत्तारूढ़ दल में खासा दखल रखने वाले बाकी दावेदारों में कौन बाजी मारता है यह तो पोस्टिग मिलने के बाद ही पता चलेगा। लखनऊ में रहे किसी एसएसपी को ही यदि इस रेंज का डीआईजी बनाया जाता है तो यह कोई नया प्रयोग नहीं होगा। इससे पहले भी एकेडी द्विवेदी, अरूण कुमार, अरूण कुमार गुप्ता, नवनीत सिकेरा सहित कई ऐसे डीआईजी हुए जो लखनऊ के एसएसपी भी रहे।