पाकिस्तान को भी सताने लगा तालिबान का डर

इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में तालिबान का राज लाने के पीछे सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले पाकिस्तान अब खुद अपने ही बुने जाल में फंसता नजर आ रहा है। तालिबान जहां एक तरफ अफगानिस्तान में सरकार गठन की तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी अधिकारियों को अब पड़ोसी देश की वजह से सुरक्षा खतरे का डर है। पाकिस्तान को यह डर मारे जा रहा है कि तालिबान के आने से अफगानिस्तान के साथ सटती उसकी सीमा पर कहीं आतंकी हमले न बढ़ जाए। इसकी वजह से बीते कई हफ्तों से सीमा पर पाकिस्तानी सेना भी हाई अलर्ट पर है। इस्लामाबाद को खासतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के उस समूह से खतरा महसूस हो रहा है जो अफगानिस्तान की सीमा पार कर उसके क्षेत्र में भीषण हमलों को अंजाम देता आया है। बीते दो दशक में हजारों पाकिस्तानी जिहादी हिंसा में मारे जा चुके हैं। अफगानिस्तान में ही सुरक्षा की स्थिति इतनी कमजोर है कि बीते कुछ दिन पहले ही आतंकी संगठन आईसआईएस-खुरासान ने काबुल एयरपोर्ट के बाहर आत्मघाती हमला कराया, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों सहित 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।