यादव सिंह पर सीबीआई के बाद ईडी का भी चला डंडा

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(विशेष संवाददाता) लखनऊ। अकूत संपत्ति के मालिक और करोड़ों के भ्रष्टाचार में संलिप्त नोएडा अथॉरिटी के पूर्व इंजीनियर यादव सिंह मामले की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनसे जुड़े लोगों के नाम से चल रही सभी कंपनियों व फर्मो का ब्यौरा जुटाना शुरु कर दिया है। इसके साथ ही आयकर विभाग की कार्रवाई में जो कुछ भी सामने आया है उसका भी ब्यौरा हांसिल किया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि जांच के लिए निदेशालय ने चुनिंदा अफसरों और कर्मचारियों की टीम तैयार कर ली गई है। ईडी मुख्यालय के अफसरों का कहना है कि यादव सिंह प्रकरण की जांच की तैयारी पूरी है। सीबीआई की एफआईआर हासिल होते ही जांच शुरू कर दी जाएगी। वहीं सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी एक-दो दिन में ईडी को यह एफआईआर भेजने वाली है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 5 से 8 अगस्त तक छुट्टïी की अर्जी देने के बाद सोमवार को सनी यादव ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अपने कार्यालय पहुंचा। बताया गया कि इस दौरान उन्होंने रजिस्टर में उपस्थिति लगाई और कुछ देर बाद नजर ही नहीं आया। सूत्रों के अनुसार एक तरफ सीबीआई उस पर मामला दर्ज कर तलाश कर रही है। ईडी के अफसरों का कहना है कि जांच एजेंसी अपने स्तर से धांधली के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगी। खासतौर पर उस रकम का पता लगाने की कोशिश होगी जो पद का दुरुपयोग कर अर्जित की गई। अफसरों का मानना है कि काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लिया गया होगा। लिहाजा ईडी यादव सिंह व उसके करीबियों से जुड़ी फर्मों का ब्यौरा जुटा रही है। ईडी ने यादव सिंह से वर्ष 2014-15 में ठेके हासिल करने वाली 75 प्रतिशत फर्मों के प्रमुखों की भी पड़ताल शुरु कर दी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से इन 75 ठेकेदारों के नाम पते और दिए गए ठेके की जानकारी मांगी है।