व्यापारी की हिरासत में रखकर पिटाई: कोर्ट ने एसएचओ को किया तलब

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। कभी कभार संबंध बनाना तथा शेखी बघारना पुलिस वालों को भारी पड़ जाता है। वर्तमान में एक ऐसी ही घटना प्रकाश में आई है । सिहानी गेट पुलिस द्वारा आपसी संबंधों के दबाव में एक व्यापारी को अवैध रूप से हिरासत में रखकर उसकी पिटाई करने तथा उसकी स्कॉर्पियो को जप्त करने का मामला प्रकाश में आया है। यही नहीं सिहानी गेट पुलिस द्वारा उक्त गाड़ी के संबंध में झूठी रिपोर्ट भेजकर कोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश की गई। पीडि़त व्यापारी विनोद द्वारा इस संबंध में जिलाधिकारी गाजियाबाद से शिकायत किए जाने पर कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से एसएचओ को तलब किया है। पीडि़त व्यापारी नेहरू नगर थर्ड के निवासी विनोद कुमार सिंह के अनुसार वे सन् 2005 से मदर डेयरी के आउटलेट का संचालन करते हैं । उनके आउटलेट पर ई – ब्लॉक नेहरू नगर निवासी मुकेश वर्मा दूध लेने आया करते थे। परिचय का दायरा जब आगे बढ़ा तो वह घर भी आना जाना करने लगे । 2015 में मुकेश ने बच्चों की पढ़ाई तथा अन्य कार्यों के संपादन के लिए उनसे 9 लाख 72 हजार रुपए उधार लिए । कुछ समय उपरांत विनोद ने जब मुकेश से पैसों की वापसी के लिए तगादा किया तो मुकेश ने उन्हें दयानंद नगर के चौकी इंचार्ज से बता कर झूठे केस में फंसा देने की धमकी देने लगे । पीडि़त विनोद कुमार के अनुसार 6 सितंबर की शाम लगभग 8:00 बजे दयानंद नगर चौकी इंचार्ज गौरव कुमार सब इंस्पेक्टर विजय कुमार तथा 3 सिपाही पुलिस की गाड़ी में उनके पास आ धमके । उन्होंने विनोद को गाड़ी में डाला और लाकर हवालात में बंद कर दिया । इसके उपरांत एसएचओ के कमरे में चौकी इंचार्ज द्वारा उन्हें बुरी तरह पीटा गया । यहां तक कि उनकी एक आंख भी पिटाई से चोटिल हो गई। अगले दिन यानी 7 सितंबर को उनका शांति भंग करने के आरोप में चालान कर दिया गया। पीडि़त विनोद के अनुसार सिहानी गेट पुलिस द्वारा अवैध रूप से उनकी स्कॉर्पियो कार जप्त कर ली गई । जब वे एसएचओ से मिलने गए तो ऐसे शो ने कहा कि उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर का टाइम लिमिट भी खत्म हो गया है । पता है वह रिवाल्वर के कागज ले आएं और फिर कार की चाबी और कागजात दोनों साथ ले जाएं । परंतु जब रिवाल्वर के कागज लेकर विनोद थाने पहुंचे तो ना तो उन्हें कार की चाबी भी दी गई और ना ही उन्हें लाइसेंसी रिवाल्वर के कागज ही वापस किए गए । इस संबंध में पीडि़त विनोद कुमार ने जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत की। इसके उपरांत कोर्ट द्वारा संबंधित एस एच ओ को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया ।