निषाद पार्टी: यूपी की 70 सीटों पर है प्रभाव

विशेष संवाददाता, लखनऊ। भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद की ताकत 50 हजार से अधिक आबादी वाली मछुआ (मझवारा) बाहुल्य 70 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से अधिकांश सीटें पूर्वांचल में है। जिसका गुणा गणित भाजपा के समझ में आ रहा है। हाल के वर्षों में पनपी इस बिरादरी की एकजुटता 2022 के इस चुनाव में निषाद पार्टी को सुर्खियों में रखे हुए है। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ शुक्रवार को हुई डॉ. संजय निषाद की बैठक को गठबंधन की मजबूत गांठ माना जा रहा है। बैठक में मझवारा बिरादरी की सभी समस्याओं के समाधान का ठोस भरोसा दिया गया है। निषाद पार्टी के सूत्र बताते हैं कि अगले सप्ताह मुख्यमंत्री के स्तर से मझवारा बिरादरी के आरक्षण से संबंधित आदेश जारी हो जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही ताल, घाट, नदी, पोखरा के पट्टे पर मछुआ बिरादरी को वर्ष 2007 से पूर्व की स्थिति में लाने का आदेश भी हो जाएगा। वर्ष 2016 में निषाद पार्टी का गठन कर बिरादरी को एकजुट करने की मुहिम में जुटे डा. संजय निषाद की यह कवायद उन्हें समाज के बड़े नेता के रूप में पहचान बनाने में सहायक हो रही है। कुछ इसी तर्ज पर वर्ष 2017 में ओम प्रकाश राजभर ने पार्टी से गठबंधन कर यूपी की सियासत में खासतौर पर राजभर बिरादरी में अलग पहचान बनाई थी। बताया जाता है कि मुलायम सिंह की सरकार में मंत्री रहे कानपुर के मनोहर लाल की भी पकड़ बिरादरी में थी। फूलन देवी को राजनीति में लाने का श्रेय मनोहर लाल को ही दिया जाता है। इसके बाद से कोई बड़ा नेता इस बिरादरी से नहीं उभरा।