पीएमके ने भी जातिवार जनगणना की वकालत

चेन्नई। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक नेता एस रामदास ने रविवार को कहा कि जनगणना के तहत राष्ट्रव्यापी जातिवार गणना एक अपरिहार्य आवश्यकता है और केंद्र सरकार को ऐसा करना चाहिये। पीएमके नेता ने जातिवार गणना के बारे में 1951 के नीतिगत निर्णय की केंद्र सरकार की दलील की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस तरह का रुख वर्तमान समय के साथ तालमेल नहीं खाता। उन्होंने एक बयान में कहा, यह सच है कि यह दशकों से केंद्र की नीति रही है, लेकिन यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जातिवार आंकड़े एकत्र नहीं किए जाते, तो अगले कुछ वर्षों में ओबीसी के ‘गायब’ होने का ‘खतरा’ है और इसलिए, जनगणना में जातिवार गणना आवश्यक है और इसे टाला नहीं जा सकता है।