नई दिल्ली। गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पिटाई से हुई मौत के बाद एक और मामले में यूपी पुलिस घिर गई है। यह मामला एटा जिले का है, जहां कथित तौर पर ड्रग्स रखने के आरोप में पुलिस ने 15 साल के नाबालिग लडक़े को जेल भेज दिया था। उसे 21 सितंबर को तीन महीने बाद जमानत मिली थी और फिर उसने अपनी जान दे दी। अब इस मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है और यूपी पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने गुरुवार को दी। इसके अलावा आयोग ने अपने जांच विभाग को मामले की मौके पर जांच करने का भी निर्देश दिया है। एनएचआरसी ने एक बयान में बताया कि उसने एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को एक वरिष्ठ रैंक के पुलिस अधिकारी द्वारा आरोपों की जांच करने और चार सप्ताह के भीतर आयोग को कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। एनएचआरसी पैनल ने कहा कि उसने ‘एक समाचार क्लिपिंग के साथ उस शिकायत का संज्ञान लिया है, जिसमें 15 वर्षीय नाबालिग लडक़े को ड्रग रखने के आरोप में, वयस्क के रूप में जेल भेजा गया। वह इस यातना को सहन करने में असमर्थ था और 21 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के एटा से तीन महीने बाद जमानत पर रिहा होने के बाद उसने आत्महत्या कर ली।कहा गया है कि कथित तौर पर लडक़े को एटा पुलिस ने ड्रग्स को कब्जे में रखने के संबंध में गिरफ्तार किया था और उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने के बजाय जिला कारागार भेज दिया गया था। वहीं लडक़े के पिता ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि उसके बेटे को ‘अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था और पुलिस द्वारा पैसे की उगाही करने के लिए प्रताडि़त किया गया था।’