किसान आंदोलन को हुआ एक साल

नई दिल्ली। दिल्ली और अन्य जगहों पर शुक्रवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. किसान संगठनों की मांग है कि सरकार एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाए.तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन की पहली वर्षगांठ के मौके पर किसान एमएसपी गारंटी की मांग करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में पहुंच रहे हैं. किसानों ने गेहूं की बुवाई कर ली है और वे अब समूहों में अपने गांव से प्रदर्शन में शामिल होने के लिए निकल पड़े हैं. पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा. किसान संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन कहा है कि जब तक कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं किया जाता और अन्य मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक वे अपना विरोध समाप्त नहीं करेंगे।
केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने के कोई संकेत नहीं दिए हैं. किसान शुक्रवार को देश भर में कई कार्यक्रम और विरोध प्रदर्शन करेंगे. विरोध के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार को दिल्ली बॉर्डर पर एक बड़ी सभा का आयोजन किया जा रहा है. एक प्रमुख हिंदी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पंजाब से करीब 48 हजार किसान गुरुवार को दिल्ली की सीमाओं के लिए रवाना हुए हैं. सबसे ज्यादा संगरूर से तीन हजार वाहनों पर करीब 25 हजार किसान खनौरी बॉर्डर से कुंडली और टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुए. शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सरकार एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दे रही है.