संसदीय समितियां 31: महिला सांसद केवल एक

नई दिल्ली। महिलाओं की शादी के लिए न्यूनतम उम्र पर सिफारिशें देने वाली संसदीय समिति के 31 सदस्यों में से सिर्फ एक महिला सांसद हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या संसदीय व्यवस्था में भी महिलाओं के प्रतिनिधित्व की अहमियत खत्म हो गई है.केंद्र सरकार बाल विवाह निषेध (संशोधन) अधिनियम 2021 को दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र में ले कर आई थी. इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए विवाह करने की न्यूनतम कानूनी उम्र को 18 से बढ़ा कर 21 करना था. अधिनियम का काफी विरोध देखने के बाद सरकार ने इसे राज्य सभा की शिक्षा, महिलाओं, बच्चों, युवाओं और खेल की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया. समिति में अलग अलग पार्टियों से राज्य सभा के 10 और लोक सभा के 21 सांसद हैं।