प्रयागराज में रोजग़ार मांग रहे छात्रों पर मुकदमे के खिलाफ ‘युवा हल्ला बोल’

डेस्क। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रोजग़ार के लिए प्रदर्शन करने वाले 600 छात्रों पर हुए मुकदमे का ‘युवा हल्ला बोल’ ने पुरज़ोर विरोध किया है। बेरोजग़ारी को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चल रहे ‘युवा हल्ला बोल’ आंदोलन ने इस मामले में योगी सरकार को जमकर घेरा है। प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव रजत यादव ने कहा कि “पुलिस को तुरंत इस अलोकतांत्रिक फैसले को वापस लेना चाहिए। सरकार इस फैसले से युवाओं में डर का माहौल बनाना चाहती है जिससे आगे विरोध प्रदर्शन न हो सकें।” उन्होंने कहा कि “जिन भी छात्रों और शिक्षकों पर पुलिसिया कार्रवाई की जा रही है, ज़रूरत पड़ी तो ‘युवा हल्ला बोल’ की लीगल टीम उनकी कानूनी मदद भी करेगी। इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम को सूचित कर दिया गया है जिन्होंने ‘युवा हल्ला बोल’ की लीगल टीम को छात्रों की हर संभव मदद का निर्देश दिया है। ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा ने कहा कि “बीते 5 सालों में सरकार अपने किए वादे पूरे नहीं कर पायी और चुनाव से पहले झूठे दावे कर अपनी पीठ थपथपाने लगी। जब युवाओं ने इनकी पोल खोलते हुए विरोध करना शुरू किया तो उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। यह सरकारी गुंडई और सत्ता का दुरुपयोग है जिसका खामियाजा भाजपा को चुनाव में ज़रूर होगा। ‘युवा हल्ला बोल’ ने फैसला लिया है कि ऐसे सभी छात्रों और कोचिंग मालिकों का साथ देंगे और जरूरत पडऩे पर उनके मुकदमें भी लड़ेंगे। प्रयागराज में 4 और 5 जनवरी को बेरोजग़ार युवाओं द्वारा विभिन्न सरकारी परीक्षाओं में पेपर लीक और लेटलतीफी के खिलाफ ताली थाली बजाकर और मार्च निकालकर प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद खबर आयी कि पुलिस के माध्यम से प्रदर्शनों को कुचलने के लिए इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मौजूदा जानकारी के अनुसार पुलिस ने 600 से अधिक छात्रों एवम कोचिंग संचालकों पर मुकदमा दर्ज़ किया है। ज्ञात हो कि ‘युवा हल्ला बोल’ लगातार युवाओं के मुद्दे उठाता रहा है और विधानसभा चुनाव में ‘पढ़ाई कमाई दवाई’ को चुनावी विमर्श के केंद्र में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।