गौरीगंज विस सीट: ब्राह्मण बाहुल्य मगर जीते सबसे ज्यादा क्षत्रिय

आशुतोष मिश्र, अमेठी। संसदीय क्षेत्र की गौरीगंज विधानसभा अमेठी जिला मुख्यालय की विधानसभा है। जातिगत आंकड़ों की मानें तो यहां दलित वोटर्स के बाद सबसे बड़ी संख्या में ब्राह्मण वोटर हैं। लेकिन इस विधानसभा से महज एक बार ही ब्राह्मण विधायक बन पाया है। जबकि एक बार मुस्लिम विधायक बना है। इसके अलावा इस सीट पर लगातार क्षत्रिय जनप्रतिनिधियों का कब्जा रहा है। गौरीगंज विधानसभा 1952 में बनी। पहली बार ही यहां से कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा में रोचक जंग होती रही। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति खराब होने के साथ ही इस सीट पर भी स्थिति खराब होती गई। कांग्रेस ने आखिरी बार दो दशक पहले यहां से जीत दर्ज की थी। जबकि भाजपा को जीते लगभग ढाई दशक का समय हो गया है। पिछले तीन चुनावों से यहां क्षेत्रीय दलों का कब्जा है और दो बार से सपा के राकेश प्रताप सिंह लगातार विधायक हैं। 1952 से लेकर अब तक गौरीगंज विधानसभा में 18 विधायक बने हैं। इनमें 16 राजपूत, एक ब्राह्मण और एक मुस्लिम समाज के रहे हैं। भाजपा से अकेले तेजभान सिंह 4 बार विधायक चुने गए थे। जबकि कांग्रेस से राजपति सिंह 5 बार, गुरु प्रसाद सिंह दो बार और नूर मोहम्मद एक बार विधायक बने हैं। बसपा से जंग बहादुर सिंह और चंद्र प्रकाश मिश्र, सपा से दो बार अकेले राकेश सिंह विधायक बने हैं। गिरिराज सिंह और रुद्र प्रताप सिंह दोनों निर्दल विधायक चुने गए थे। रुद्र प्रताप सिंह, गिरिराज सिंह, जंग बहादुर सिंह, चंद्र प्रकाश मिश्र और नूर मोहम्मद एक – एक बार ही विधायक बने हैं। जबकि गुरु प्रसाद सिंह, राकेश सिंह दो-दो बार, राजपति 5 बार और तेजभान सिंह 4 बार विधायक बने हैं। गुरु प्रसाद सिंह 1952 का पहला और 1957 का दोनों चुनाव कांग्रेस से जीते थे।