नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को गाजियाबाद में सीआईएसएफ के 53वें स्थापना दिवस समारोह में हाइब्रिड सुरक्षा मॉडल की वकालत करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र की विभिन्न औद्योगिक एवं विनिर्माण इकाइयों को प्रभावी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार का अर्धसैनिक बल सीआईएसएफ और निजी सुरक्षा एजेंसियां हाथ मिला सकती हैं। शाह ने कहा कि यह अहम है, क्योंकि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जैसी सरकारी सुरक्षा एजेंसियां देशभर में इस काम को अकेले अंजाम नहीं दे सकतीं और वे धीरे-धीरे इसे निजी सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर सकती हैं। उन्होंने सीआईएसएफ को अगले 25 साल का खाका भी तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि भारत जब अपनी आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करे, तब तक यह एक ‘परिणाम-उन्मुख’ सुरक्षा एजेंसी के रूप में उभर सके। शाह ने सीआईएसएफ से निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी लेने पर विचार करने को भी कहा। अमित शाह ने कहा कि भारत अगले 25 वर्षों के दौरान 2.5 ट्रिलियन डॉलर से पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की यात्रा शुरू कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को 2.5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में सीआईएसएफ के योगदान को पिछली सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था।