यूपी भवन बना सफाई कर्मियों के शोषण का ठिकाना

श्यामल मुखर्जी, नई दिल्ली। यूपी सरकार के अधीन दिल्ली का यूपी भवन सफाई कर्मचारियों के शोषण का अड्डïा बन गया है। यूपी में सालों से काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को आज भी पुराना वेतन ही दिया जा रहा है उसमें बढ़ोत्तरी नहीं की जा रही है। सफाई कर्मियों ने बताया कि इस बारे में कई बार शिकायत की गयी मगर कुछ नहीं हुआ। ठेकेदार के अधीन यह कर्मी यूपी सरकार के राज्य सम्पत्ति विभाग के अफसरों से भी वेतन बढ़ाने की गुहार लगा चुके हैं मगर उन्होंने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
मिली जानकारी के अनुसार यूपी भवन में करीब 40 सफाई कर्मचारी हैं जोकि कान्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। कर्मियों ने बताया कि उनको कई साल काम करते हो गये हैं मगर आज भी 8 हजार रुपये ही वेतन दिया जाता है। कर्मियों ने बताया कि यूपी भवन में 12 से 14 घंटे तक एक-एक कर्मी से काम लिया जाता है। शोषण का आलम यह है कि अगर कहीं कोई अपनी शिकायत करता है तो उसका वेतन रोक दिया जाता है और प्रताडि़त किया जाता है। कर्मियों ने अपना नाम न लिखे जाने की शर्त पर बताया कि इस बारे में यूपी भवन के व्यवस्था अधिकारी राजेश चौबे से भी कई बार कहा गया मगर वह भी ठेकेदारों से मिलीभगत करके उनके पैसों की बंदरबाट करते हैं। सफाई कर्मियों ने यूपी भवन में नौकरी कर रहे सम्पत्ति विभाग के कर्मचारी राकेश सिंह, चौधरी, राम प्रकाश आदि पर भी शोषण का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह सारे लोग ठेकेदारों से मिलकर उनका शोषण कर रहे हैं। इस बारे में जब यूपी भवन के व्यवस्था अधिकारी राजेश चौबे से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। बहरहाल यूपी भवन के सफाई कर्मियों ने मांग की है कि यूपी सरकार जल्द उनके वेतन में बढ़ोत्तरी करे।