यूपी चुनाव में प्रियंका का पैनापन भी नहीं आया काम

अमृतांशु मिश्र। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस इस बार भी कोई कमाल नहीं दिखा पाई है। एग्जिट पोल्स के हिसाब के कांग्रेस को 4-8 के बीच सीटें मिलती दिख रही हैं। सूबे में चुनावी प्रचार के दौरान इस बार जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूरी ताकत झोंकते हुए महिला वोटर्स पर फोकस किया था, वहीं एग्जिट पोल्स बता रहे हैं कि कांग्रेस का ये कार्ड भी फेल हो गया है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं के मुताबिक, यूपी चुनाव को लेकर प्रियंका ने पहले ही साफ कर दिया था कि पार्टी इसबार अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी और महिलाओं को फोकस करेगी। इसी के चलते चुनाव में 40फीसदी महिलाओं को प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया गया था। उन्होंने कहा, ‘हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू लगातार सरकार के खिलाफ जमीन पर थे और उनके जेल जाने की खबरें सुर्खियां बनती थीं। लेकिन फिर भी पार्टी के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं था, जो मतदाताओं पर जादू चला सके।’ इसबीच प्रियंका मैदान में आईं और लगातार लोगों से जुड़ती रहीं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, प्रियंका के चुनावी प्रचार की सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने जमीनी मुद्दों पर बात की, लेकिन जनता ने कांग्रेस के उन दावों-वादों पर भरोसा नहीं कर पाई। उन्होंने कहा, ‘प्रियंका गांधी का पूरा ज़ोर महिलाओं के सशक्तिकरण पर रहा, जिसमें उन्होंने महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा होने, उनके लिए रोजग़ार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बात को पुरज़ोर तरीक़े से उठाया। प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए एक अलग से घोषणापत्र ‘शक्ति विधान’ निकालकर इन चुनावों में महिलाओं के मुद्दों को चुनावों के केंद्र में लाकर खड़ा किया।’ राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, अच्छी कोशिशों के बावजूद आज भी जनता 2014 के पहले वाली कांग्रेस की नेगेटिव इमेज को ही अपने मन में बसाए बैठी थी, यही वजह थी कि कांग्रेस को जनता ने नकार दिया। भाजपा ने 2013 से पहले कांग्रेस की जो तुष्टिकरण वाली छवि बनाई थी, उसका भी कांग्रेस को लगातार नुकसान हो रहा है।