सोशल मीडिया पर छाया दिल्ली विवि छात्र संघ इलेक्शन

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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों का खुमार इन दिनों हर जगह देखने को मिल रहा है। विश्वविद्यालय परिसर में पार्टियों की रैलियों से लेकर कॉलेजों में नारेबाजी चुनाव प्रचार का हिस्सा बन चुकी है। लेकिन इस बार इन परंपरागत तरीकों से आगे निकलकर सभी पार्टियों ने प्रचार के लिए सोशल मीडिया का दामन भी थामा है। एबीवीपी के फेसबुक पर जहां करीब एक लाख से ज्यादा समर्थक हैं वहीं एनएसयूआई के समर्थकों की संख्या तकरीबन 2 लाख के भी पार है। पहली बार डूसू चुनावों में किस्मत आजमा रही छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवायएसएस) भी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। सीवायएसएस के फेसबुक पेज पर जहां समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं ट्विटर पर उनके समर्थकों की संख्या तकरीबन 14 हजार के पार जा चुकी है। एबीवीपी जहां ट्विटर पर खास लोकप्रिय नहीं है वहीं एनएसयूआई के ट्विटर पर 25 हजार के करीब समर्थक हैं।
सोशल मीडिया पर अपने अभियान को रेखांकित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दिल्ली प्रदेश के सचिव साकेत बहुगुणा ने कहा, हम चुनावों में छात्रों से संपर्क स्थापित करने के लिए हर नई तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम सभी पर हमारे पेज हैं। साकेत ने कहा, हमारे कार्यकर्ता डूसू चुनावों में नए छात्रों से संपर्क बनाने एवं पुराने छात्रों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए सोशल मीडिया का भरपूर प्रयोग कर रहे हैं। इनके जरिए छात्रों को पार्टी की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी मुहैया करवाई जा रही है।
वहीं छात्र युवा संघर्ष समिति भी चुनावों के दौरान सोशल मीडिया का भरपूर प्रयोग करने की तैयारी में है। छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवायएसएस) के अध्यक्ष अनुपम यादव ने कहा कि आने वाले डूसू चुनावों में वह सोशल मीडिया को प्रचार का मुख्य माध्यम बनाने जा रहे हैं और सोशल मीडिया के अकाउंट का संचालन उनके वॉलंटियर कर रहे हैं। डूसू चुनाव में पिछले साल कोई कमाल न कर सकी एनएसयूआई ने भी इस साल छात्रों से संपंर्क स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करने की ठानी है।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की अखिल भारतीय सचिव हसीबा अमीन ने बताया, हमारी पार्टी सोशल मीडिया का प्रयोग डूसू चुनावों में छात्रों से संपंर्क स्थापित करने और अपनी योजनाओं पर छात्रों की राय लेने के लिए करेगी। हसीबा ने यह भी बताया कि एनएसयूआई के सभी अभियानों की जानकारी भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध करवाई जाती है।
इसी तरह चुनाव लड़ रही बाकी पर्टियां भी सोशल मीडिया के जरिए छात्रों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं। छात्रों को पार्टियों की सभी गतिविधियों, तमाम रैलियों और नई योजनाओं की जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा मुहैया करवाई जाती है। वहीं इन सोशल साइटों के जरिए हर संगठन अपने साथ नए सदस्य जोडऩे का प्रयास भी कर रहा है। एबीवीपी ने सोशल साइट के जरिए ही नहीं बल्कि एसएमएस के जरिए भी नए सदस्य बनाने के लिए सदस्यता अभियान चला रखा है। बहरहाल प्रचार के पांरपरिक तरीकों से अलग आधुनिक रूप ले चुके डूसू चुनावों के प्रचार का लाभ किस पार्टी को मिलेगा यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा।