गांधी परिवार कांग्रेस के लिए हुआ एनपीए

नई दिल्ली। चार राज्यों में कांग्रेस की हार ने गांधी-वाड्रा नेतृत्व और पार्टी को ‘नॉन परफॉर्मिंग एसेट’ बना दिया है। चुनाव से पहले इन राज्यों में कांग्रेस के लिए उज्ज्वल संभावनाएं दिख रही थीं, लेकिन पार्टी आलाकमान इसे अपने पक्ष में नहीं भुना पाया। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सक्रिय नजर आईं, उसकी अपेक्षा पार्टी को सफलता नहीं मिली। यूपी में कांग्रेस का प्रदर्शन और भी ज्यादा खराब हो गया। नतीजे पर कांग्रेस के आंतरिक समीकरणों और सक्रिय विपक्षी राजनीति में इसकी संभावनाओं को भी प्रभावित करेंगे। हार ने कांग्रेस में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए सिर्फ ‘पारिवारिक विरासत का अधिकार’ पर भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस खेमा यह भी स्वीकार करेगा कि चार राज्यों में भाजपा के प्रदर्शन से 2024 की उसकी संभावनाएं धूमित हुई हैं। वहीं, आप की पंजाब की जीत उसे हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विस्तार करने के लिए प्रेरित करेगी। आप इन राज्यों में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के एकाधिकार को चुनौती देगी। भले ही तृणमूल कांग्रेस गोवा में जीतने में विफल रही, लेकिन ममता बनर्जी के भी कांग्रेस के मैदानों और नेताओं पर छापेमारी जारी रखने की संभावना है।