बैंकों के निजीकरण के लिए विधेयक लायेगी मोदी सरकार

नई दिल्ली। संसद के इस मॉनसून सत्र में मोदी सरकार सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के लिए एक विधेयक लाने की तैयारी में है। इस बिल में एक प्रावधान यह भी होगा कि जिन बैंकों में निजी हिस्सेदारी हो, उनसे सरकार अपना स्टेक पूरी तरह से वापस ले ले। इसी मकसद से सरकार बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने जा रही है। बैंकिंग कंपनीज ऐक्ट, 1970 के मुताबिक पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार की 51 फीसदी की हिस्सेदारी जरूरी है। सरकार ने इससे पहले प्रस्ताव रखा था कि उसकी हिस्सेदारी 51 की बजाय 26 ही रहेगी और वह भी धीरे-धीरे कम होती जाएगी। अब सरकार निजी सेक्टर की हिस्सेदारी वाले बैंकों से पूरी तरह से अलग होना चाहिए। एक सरकारी अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा, ‘इस विधेयक से एक मेकेनिज्म तैयार हो सकेगा। हम इस विधेयक को मॉनसून सेशन में ही ला सकते हैं और फिर कुछ अन्य मुद्दों पर काम किया जाएगा।’ कहा जा रहा है कि आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बेचने के दौरान ऐसे कुछ सुझाव मिले थे कि सरकार को अपना स्टेक खत्म कर लेना चाहिए। वित्त मंत्रालय फिलहाल रिजर्व बैंक से निजीकरण की स्थिति में ओनरशिप समेत तमाम मुद्दों पर बात कर रहा है। मौजूदा नियमों के मुताबिक किसी भी निजी बैंक में प्रमोटर की हिस्सेदारी 26 फीसदी तक ही हो सकती है।