प्रकृति की गोद में बसा है पूर्वोत्तर का जाइरो कस्बा

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फीचर डेस्क। देश का पूर्वोत्तर राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बदलते मौसम की वजह से पूरी दुनिया में अपनी पहचान रखता है। यहां की कला और हस्तशिल्प की भव्य विरासत तथा रंग बिरंगे त्यौहार प्रकृति की अपार शक्ति में लोगों के विश्वास को दर्शाता है।
अरुणाचल प्रदेश में समुद्र तल से 5754 फीट की ऊंचाई पर स्थित जाइरो-जिरो, जो अपने सांस्कृसतिक विरासत और मनमोहक दृश्य के लिए जाना जाता है। अपनी खूबसूरती की वजह से ही यह कस्बा यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में नामांकित भी हुआ है। अरूणाचल प्रदेश के सबसे प्रचीन शहरों में से एक, जाइरो एक छोटा सा हिल स्टेशन है जो पाइन के पेड़ों से भरी पहाडिय़ों से घिरा हुआ है। पूरे क्षेत्र में फैले घने जंगल ही आदिवासी लोगों के घर हैं। यह क्षेत्र अपनी धान की खेतों की वजह से भी काफी लोकप्रिय है। जाइरो पौधों और जन्तुओं के मामले में काफी धनी है तथा अपनी विविधता की वजह से प्रकृति प्रमियों के लिए आदर्श स्थान बनी हुई है।
जाइरो में आदिवासी लोगों का प्रकृति से इतना अधिक लगाव है कि वह प्रकृति को भगवान की तरह पूजते हैं और खुद को इससे जुड़ा हुआ पाते हैं। वहां के लोग खेतो के अलावा हस्तशिल्प तथा हैन्डलूम उत्पादों को बनाकर अपना जीवनयापन करते हैं। अन्य आदिवासी लोगों से अलग अपा टनी के लोग जाइरो क्षेत्र के स्थाई निवासी हैं। अपा टनी द्वारा मनाए जाने वाले कई पर्व हैं जिनमें मार्च में मनाया जाने वाला म्योको त्यौहार, जनवरी में मनाया जाने वाला मुरुंग त्यौहार और जुलाई का द्री त्यौहार प्रमुख हैं।
अगर आप जाइरो जाने की योजना बना रहे हैं तो आप हरी-भरी शांन्त टैली घाटी, 5000 हजार साल पुरानी मेघना गुफा मंदिर जा सकते हैं। यही नहीं खूबसूरत पक्षियों और सूर्योदय के खूबसूरत दृश्य देखना है तो आप किले पाखो भी जा सकते हैं। यह यहां का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इसे आर्मी पूटु के नाम से भी जाना जाता है। आजादी के बाद यहां पर अरूणाचल प्रदेश के पहले प्रशासनिक केन्द्र की स्थापना की गई थी। इसके बाद छठे दशक में यहां पर सेना के कैम्प का निर्माण भी किया गया। पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से खूबसूरत दृश्य भी देखे जा सकते हैं।
हपोली से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डोलो-मांडो डोलो और मांडो के प्रेम-संबंध के लिए प्रसिद्ध है। यहां से जाइरो और हपोली शहर के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगहों में से एक मछली फार्म हपोली से 3।5 किमी। की दूरी पर स्थित है। यह बहुत ही खूबसूरत जगह है। यहां आने वाले पर्यटक अनेक प्रजातियों की खूबसूरत मछिलयों को देख सकते हैं।