हिन्दी दिवस पर सीएम ने साहित्यकारों का किया सम्मान

cm 14 sep
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज हिन्दी दिवस के अवसर पर उप्र हिन्दी संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में प्रख्यात साहित्यकार काशीनाथ सिंह सहित हिन्दी साहित्य से जुड़े देश एवं विदेश के विद्वानों को सम्मानित किया। काशीनाथ सिंह को 5 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय, प्रशस्ति पत्र तथा गंगा जी की प्रतिमा देकर भारत-भारती सम्मान से अलंकृत किया गया, जबकि मृदुला गर्ग को 4 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय, प्रशस्ति पत्र तथा गंगा जी की प्रतिमा देकर लोहिया साहित्य सम्मान प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने काशीनाथ सिंह सहित सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि इन्हीं लोगों के प्रयास से हिन्दी का देश एवं विदेश में व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है। समाजवादी सरकारों द्वारा हिन्दी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन एवं प्रगति के लिए हमेशा विशेष प्रयास किए गए। नेताजी स्वयं हिन्दी कवि सम्मेलनों एवं हिन्दी साहित्य से जुड़ी परिचर्चाओं में श्रोता के रूप में उपस्थित होने में गर्व का अनुभव करते हैं। श्री यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। वर्तमान सरकार जब सत्ता में आयी, उस समय हिन्दी संस्थान की स्थिति काफी खराब थी। इसकी गतिविधियां लगभग ठप हो गई थीं, लेकिन वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह के प्रयासों के चलते यह संस्थान, हिन्दी साहित्य के विकास का मुख्य केन्द्र बन गया है। हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे हिन्दी पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली प्रतिभाओं एवं राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को एक स्थान पर बैठकर हिन्दी के विकास के लिए आवश्यक विचार-विमर्श करने का मौका मिलता है।
मुख्यमंत्री ने हिन्दी के प्रसार-प्रचार में टीवी चैनलों सहित अन्य जनसंचार साधनों का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाले समय में हिन्दी का प्रसार और अधिक तेजी से होगा। तमाम विकसित देशों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी भाषा में काम करने वाले देश ही तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े हैं। उन्होंने तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में भी हिन्दी के अधिक से अधिक उपयोग पर बल दिया, जिससे आने वाली पीढ़ी का स्वाभाविक विकास हो और वह अपनी मातृ भाषा में सोचने एवं समझने की क्षमता विकसित कर सकें।
इन साहित्यकारों का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री ने हिन्दी गौरव सम्मान के लिए विनोद कुमार शुक्ल, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान के लिए डा. कृष्ण बिहारी मिश्र, पं. दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान के लिए प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र, अवंतीबाई साहित्य सम्मान के लिए डा. राम कृष्ण राजपूत तथा राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन सम्मान विनोद कुमार शुक्ल, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान के लिए डा. कृष्ण बिहारी मिश्र, पं. दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान के लिए प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र, अवंतीबाई साहित्य सम्मान के लिए डा. राम कृष्ण राजपूत तथा राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन सम्मान के लिए कर्नाटक हिन्दी प्रचार समिति, बंगलूरू को 4-4 लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया। विनोद कुमार शुक्ल तथा डा. कृष्ण बिहारी मिश्र अस्वस्थता के कारण उपस्थित नहीं थे। इसलिए उनके द्वारा नामित व्यक्ति को उनका पुरस्कार दिया गया। मुख्यमंत्री ने प्रताप दीक्षित, डा. पुष्पा भारती, राज कृष्ण मिश्र, डा. राम कठिन सिंह, डा. रंगनाथ मिश्र सत्य, डा. रमा सिंह, कमल नयन पाण्डेय, मोहनदास नैमिशराय, बलराम तथा उमा शंकर सिंह यादव पथिक को 2-2 लाख रुपए का चेक साहित्य भूषण सम्मान से नवाजा। इस मौके पर राधा गोविन्द पाठक को लोक भूषण सम्मान, वेदा राकेश को कला भूषण सम्मान, डा. ओम प्रकाश मिश्र को विद्या भूषण सम्मान, प्रो. यतीश अग्रवाल को विज्ञान भूषण सम्मान, विष्णु नागर को पत्रकारिता भूषण सम्मान, पुष्पा सक्सेना (यूएसए) को प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण सम्मान, डा. चक्रधर नलिन को बाल साहित्य भारती सम्मान, डा. भाल चन्द्र तिवारी को मधुलिमये साहित्य सम्मान के तहत 2-2 लाख रुपए का चेक एवं प्रशस्ति पत्र देकर अलंकृत किया।
इस मौके पर भारत-भारती सम्मान से सम्मानित काशीनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस मंच द्वारा हिन्दी साहित्यकारों के साथ-साथ उन वैज्ञानिकों और विधि विशेषज्ञों को भी सम्मानित किया गया, जो अपने-अपने क्षेत्र में हिन्दी के माध्यम से प्रचार-प्रसार में लगे हैं। उन्होंने इस समारोह को भाषा एवं साहित्य का मिला-जुला कार्यक्रम बताते हुए कहा कि लेखक प्रदेश की सीमाओं से बाहर है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के परिदृश्य में आज के इस कार्यक्रम को अत्यन्त सफल, उत्साहवर्धक एवं संवेदनशील बताते हुए कहा कि हिन्दी की ताकत राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है।