बिहार चुनाव: नक्सलियों पर निगाह, औरों को आगाह

naxal-attack-
दीपेश सिन्हा, पटना। बिहार चुनाव को लेकर जहां राजनीतिक दलों में तैयारियां चरम पर हैं वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस भी चाक चौबंद हो रही है। बिहार में खासकर नक्सलियों से ज्यादा खतरा रहता है ऐसे में उनके खिलाफ भी पुलिस फुलप्रूफ तैयारी कर रही है। बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की राज्य में प्रतिनियुक्ति की गई है। पहले से मौजूद सीआरपीएफ और एसएसबी के अलावा अर्धसैनिक बलों की 202 कंपनियां बिहार आ गई हैं। नक्सलियों के खिलाफ विशेष अभियान छेड़ा गया है। सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों के साथ भी बैठकों का दौर जारी है। बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों के बिहार आने से शांतिपूर्ण चुनाव की राह आसान हो गई है। चुनाव के दिन बूथों से लेकर रास्तों तक में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। शांतिपूर्ण चुनाव की राह में बाधक दबंगों और असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए सीआरपीसी की धारा 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। ऐसे पौने दो लाख से ज्यादा लोगों को चिन्हित किया गया जिनपर 107 के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत शांति भंग की आशंका के मद्देनजर उन्हें नोटिस जारी की गई है। वहीं बड़े पैमाने पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। सीसीए की दो धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। एक में जहां जेलों में बंद शातिरों को जमानत नहीं देने के लिए सीसीए लगाने का प्रस्ताव भेजा गया गया, वहीं दूसरी धारा में जिला बदर करने का प्रस्ताव है। अब तक 1321 लोगों पर सीसीए लगाने का प्रस्ताव पुलिस ने डीएम को भेजा है।
शराब के अवैध कारोबार के साथ हथियारों की बरामदगी के लिए विशेष मुहिम चलाई जा रही है। लाइसेंसी हथियारों को भी जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। अबतक एक लाख 72 हजार 909 लीटर शराब जब्त की गई है। 605 अवैध हथियार बरामद किए गए हैं। वहीं 7056 लाइसेंसी हथियारों को जमा कराया गया है। चुनाव तक यह विशेष अभियान जारी रहेगा। बिहार में पांच चरणों में मतदान होना है। चुनाव से पहले मतदान वाले जिलों से लगे सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया जाएगा। इसके अलावा जिस जिले में मतदान है उससे सटे अन्य जिलों की सीमा को भी सील किया जाएगा। महत्वपूर्ण रास्तों पर बैरिकेडिंग की जाएगी और हर आने जाने वाले शख्स की तलाशी होगी। दो राज्यों की सीमा पर सुरक्षा में कोई चूक न हो इसके लिए झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर चल रहा है। नेपाल सरकार के अधिकारियों के साथ भी बिहार के अधिकारी संपर्क में हैं। इस बीच राज्य में चुनाव से पहले तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। शहरों के अंदर जहां पुलिस वाहनों की सघन जांच कर रही है, वहीं राजमार्गों पर भी जगह-जगह चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। हर छोटी-बड़ी गाडियों की जांच की जा रही है। बिहार में दो पुलिस जिला समेत 23 जिले नक्सल प्रभावित एसआरई योजना में शामिल हैं। हालांकि नक्सलियों का सबसे ज्यादा खतरा जमुई, मुंगेर, लखीसराय, बांका, नवादा, गया, औरंगाबाद और रोहतास जिलों में है। इन इलाकों में नक्सली इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल कर सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही वजह है कि काफी पहले से आईईडी की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। बिहार-झारखंड के उन सीमावर्ती इलाकों में ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जो नक्सलियों के सबसे सुरक्षित इलाके माने जाते हैं।