ईरानी बोली: शिक्षा नीति का मसौदा दिसंबर तक होगा तैयार

Smriti-Irani 1लखनऊ। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि देश में जिला स्तर तक के लोगों के सुझाव लेकर नई शिक्षा नीति तय करने की कवायद चल रही है और उम्मीद है कि दिसम्बर महीने तक इसका मसौदा तैयार हो जायेगा। ईरानी ने कहा अब तक राष्ट्रीय स्तर पर बैठे लोग भी शिक्षा नीति बना लिया करते थे और जमीनी स्तर से जुडे लोगों के सुझाव तक नहीं लिए जाते थे। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के बारे में वे सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठकें कर रही है और जिलाधिकारियों से भी सुझाव मांगे गये हैं। ईरानी ने शनिवार को एक मीडिया हाउस की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थीं और लोगों के सवालों के जबाव दे रही थी।
उन्होंने कहा अब तक राष्ट्रीय अथवा राज्य स्तर पर ही शिक्षा नीति तय कर ली जाती थी, लेकिन यदि शिक्षा व्यवस्था में वास्तविक और व्यावहारिक बनाना है तो इसके लिए जिला स्तर तक के लोगों की राय जरूरी है। ईरानी ने कहा कि वक्त की मांग है कि शिक्षा नीति जिला स्तर तक की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। देश के छात्रों में विदेशी विश्वविद्यालयों में जाकर शिक्षा ग्रहण करने की ललक और होड से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा मैं सभी संस्थानों से यह आग्रह करने वाली हूं कि वे अपने पाठ्यक्रमों में विदेशों में तकनीक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे शोध को शामिल करें ताकि देश में ही युवकों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर का ज्ञान उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह सोचने की है कि शिक्षा को कैसे अधिक से अधिक रोजगार परक बनायी जाये और कैसे युवकों को रोजगार पाने के योग्य बनाया जाये। हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय में चपरासी पद पर होने वाली 368 नियुक्तियों के लिए लाखों बीए, एमए, बीटेक, पीएचडी उपाधिधारी युवकों समेत 23 लाख से अधिक युवकों के आवेदन आने के मामले का जिक्र करते हुए ईरानी ने कहा हमारी शिक्षा युवकों को रोजगार के योग्य बनाये सबसे गंभीरता से सोचने का विषय आज यह है। उन्होंने कहा कि यह भी सोचने की जरूरत है कि शिक्षा का असली उद्देश्य क्या है। ईरानी ने कहा यदि मैं इस हाल में बैठे लोगों से पूछ कि वे अपने बच्चों को किस तरह की शिक्षा देना चाहते हैं तो उनका उत्तर अधिकतर शायद यही होगा कि वे अपने बच्चों को अच्छा इंजीनियर, डाक्टर बनाना चाहते हैं। शायद ही कुछ लोग होंगे जो कहेंगे कि शिक्षा बच्चे को अच्छा आदमी बनाती है। उन्होंने कहा इसलिए मेरी राय में जहां एक ओर बच्चों को रोजगार के योग्य बनाने की जरूरत है वहीं यह भी महत्वपूर्ण है कि बच्चों को कैसे अच्छा नागरिक बनाया जाये।