समरसपुर पक्षी विहार: उपेक्षा का शिकार

samraspurरायबरेली। कभी पर्यटकों का पसंदीदा रहा समसपुर पक्षी विहार सलोन अब उपेक्षा का दंश झेल रहा है। आज यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या ना के बराबर हो गई है। पहली अक्टूबर से लेकर फरवरी माह तक यहां पर बहुत पक्षी आते थे। लेकिन उनकी तादाद भी कम हो गई है। पक्षी विहार को जाने वाली सड़क कई दशक से बोल्डर में तब्दील है जिससे पर्यटकों का मोहभंग हो गया है। जिले के हर व्यक्ति की जुबां पर आज भी शहीद स्मारक का नाम है। यहां पर हजारों किसानों ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। ऐसे में निहत्थे किसानों पर अंग्रेजों ने गोलियां बरसाई थी। सई नदी का पानी खून से लाल हो गया था। शहीद स्मारक को अरसे से पर्यटन स्थल बनाए जाने की मांग उठाई जा रही है, लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। इतना जरूर है कि यहीं पर भारत माता का मंदिर बनाया गया है। शहीद स्मारक में सुंदरीकरण का कार्य कराया गया। लेकिन देख रेख के अभाव में यहां पर अव्यवस्था व्याप्त है। हर कोई चाहता है कि आजादी का गवाह इस स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा मिले। अहियारायपुर स्थित रेवतीराम तालाब भी जिले की एक मुख्य पहचान है। नहाने के लिए यहां पर रेवती तालाब बनवाया गया था। रेवतीराम तालाब को आज तक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जा सका है। यह हाल तब है जब काफी समय से इसे पर्यटन स्थल बनाने की मांग की जा रही है। चाहे फिर जिला प्रशासन हो या फिर जनप्रतिनिधि इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। आज भी रेवतीराम तालाब को देखने के लिए शहर ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से लोग आते हैं। जिला प्रशासन और चुनाव के दौरान लंबी चौड़े दावे करने वाले जनप्रतिनिधि भी इसको लेकर आगे नहीं आ रहे हैं। सलोन तहसील क्षेत्र में समसपुर पक्षी बिहार है। एक समय था कि समसपुर पक्षी बिहार में घूमने- फिरने के लिए पर्यटकों का जमघट लगा रहता था। लेकिन आज हकीकत इसके उलट है। असुविधाएं होने के चलते अब पर्यटकों का मोह यहां से भंग हो गया।