देश की मंडियों में बढऩे लगे रोजाना जरूरत की चीजों के दाम

trucks strike

लखनऊ। पिछले तीन दिनों से पूरे भारत में चल रही ट्रांसपोटर्रों की हड़ताल के चलते सारे व्यापार प्रभावित होने लगे है। जिन चीजों के दाम धीरे-धीरे कम होने लगे थे, वह भी आसमान चढऩे लगे है। त्यौहार से ठीक पहले हुई हड़ताल के कारण व्यापारियों में चिंता का कारण बन गयी है। व्यापारियों का मानना है कि अगर जल्द ही सरकार ने इन लोगों की मांगों पर विचार नहीं किया तो स्थिति और बिगड़ सकती है। वहीं दूसरी ओर कई व्यापारी संगठन भी इनके समर्थन में उतर आये है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल ने ट्रांसपोटर्रों का समर्थन करते हुए कहा कि टोल टैक्स को पूरे देश में समाप्त किया जाये। ट्रक भाड़े पर केन्द्र सरकार टीडीएस काटना बंद करे। उन्होंने कहा कि हड़ताल का ही नतीजा यह है कि देश की सभी मंडियों में प्याज, टमाटर शिमला मिर्च, अदरक, गोभी, मटर, लहसुन, पपीता, सेब, नाशपाती, एवं अनाज की सभी चीजों के दाम बढऩे लगे है। सभी मंडियों में इस तरह के फल और सब्जियां कम होती जा रही है और जो बची है उनके दाम बढ़ा कर लोग बेच रहें है। देश के अधिकतर वेयरहाउसों में पहुंचने वाला सामान भी बन्द हो गया है। हड़ताल के चलते 250 से 300 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो चुका है। दुबग्गा फल सब्जी मंडी के महामंत्री नजमुद्दीन राइनी ने कहा कि मंडियों से लोडिंग करने वाले ट्रांसपोटर्र की गांडियां प्रदेश के बार्डरों पर रोक ली जा रही है। पकड़ी जा रही गाडिय़ों में माल खराब हो रहा है। ड्राइवरों माल ले जाने से डर रहें है। ड्राइवरों का कहना है कि कहीं माल के साथ उनकी गाडिय़ों को भी हड़ताली नुकसान न पहुंचा दे। उन्होंने बताया कि अभी एक दो दिन पहले से प्याज और टमाटर के दाम घटने शुरु हुए थे, लेेकिन हड़ताल जारी रहने के चलते, एक बार दामों में फिर से बढ़ोत्तरी हो गयी है। जो टमाटर 10 से 15 रुपये बिक रहा था। वह 20 में बिक रहा है। इसके अलावा बाहर की मंडियों से आने वाली सभी सब्जियों के दाम एक से पांच रुपये तक बढऩे लगे है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पास माल पहले से लगा है। वह दाम बढ़ाकर बेच रहे है। पारख व्यापार संघ के अध्यक्ष राम बाबू रस्तोगी ने कहा कि हड़ताल के चलते सभी तरह के व्यापार प्रभावित हो रहें है। सब्जी मंडी से लेकर कपड़ा व्यवसायी, गाडिय़ों के डीलर, तक का माल जहां फंसा है फंसा पड़ा है और हड़ताल समाप्त होने के इंतजार में है। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोटर्रो की मांग है कि टोल टैक्स को पूरी तरह फ्री कर दिया जाये तो वह गलत है। अगर टोल टैक्स बंद हो जायेगा तो सड़कों के निर्माण में भी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि टोल टैक्स से आने वाले पैसों से ही टूटी फूटी सड़कों की मर मत से लेकर अन्य कार्य कराये जाते है। उन्होंने कहा कि टोल टैक्स को पूरा न माफ करके सरकार आधा या तिमाही कर दे जिससे इन पर बोझ कम हो जायेगा। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मीडिया प्रभारी सुरेश छबलानी ने कहा कि हड़ताल करके किसी बात का हल नहीं निकाला जा सकता है। सरकार को चाहिए कि ट्रांसपोटर्रों के साथ बैठकर बातचीत कर कोई बीच का रास्ता निकाले। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है। तो इन सब चीजों के कालाबाजारी बाजार पर हावी होने लगेंगे। उन्होंने बताया कि अधिकतर व्यापारियों का माल रेलवे से आता है। इसलिए इस हड़ताल का विकराल रुप अभी लोगों को नहीं दिख रहा है। लेकिन धीरे-धीरे वह भी दिखने लगेगा, क्योंकि रेलवे से आने के बाद भी ट्रांसपोटर्र ही माल गोदामों तक पहुंचाते है। इन सब व्यापारिक संगठनों के नेताओं के अलावा एक वरिष्ठï व्यापारी नेता अमरनाथ मिश्र ने कहा कि साल के इसी माह में ट्रांसपोटर्र हड़ताल करते है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पिछले दस सालों का रिकार्ड उठाकर देख लीजिये। ट्रांसपोटर्रो ने हड़ताल इसी माह में की है। श्री मिश्र ने बताया कि पितर पक्ष की वजह से इस माह लोग खरीदने में विश्वास नहीं रखते है। जिन व्यापारियों के यहां करोड़ों का माल ड प पड़ा है उनके यहां पर दिन में एक हजार की बिक्री हो पाना मुश्किल हो रही है। हां यह बात जरुर है कि अगर हड़ताल इस बार ल बी खिचती है तो लोगों को परेशानी हो सकती है।