स्पेक्ट्रम के लिए सरकार की आयी नयी गाइड लाइन

mobile compबिजनेस डेस्क। सरकार ने स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया जिससे टेलीकॉम ऑपरेटरों को एक ही सर्किल में दूसरे ऑपरेटर से अपनी जरूरतों के अनुसार स्पेक्ट्रम खरीदने की छूट होगी लेकिन यह खरीद बाजार मूल्य पर करनी होगी। लाइसेंस की वैध्यता अवधि पहले वाली रहेगी। अब तक टेलीकॉम ऑपरेटर सिर्फ दूरसंचार विभाग की नीलामी के जरिए ही स्पेक्ट्रम खरीद सकता था लेकिन अब वह एक ही सर्किल में दूसरे ऑपरेटर से भी स्पेक्ट्रम खरीद सकेगा। खरीद मूल्य का निर्धारण दोनों ऑपरेटर आपसी सहमति से तय कर सकेंगे लेकिन उस पर लगने वाले शुल्क और कर का भुगतान उन्हें बाजार मूल्य पर करनी होगी।
इसके लिए दिशा-निर्देश में स्पष्ट उल्लेख है और स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग के लिए खरीददार ऑपरेटर को कुल कीमत की एक फीसदी राशि हस्तातंरण शुल्क के रूप में चुकानी होगी जो नॉन रिफंडेबल होगी। स्पेक्ट्रम का बाजार मूल्य पिछली नीलामी से कम नहीं होगा। यदि स्पेक्ट्रम नीलामी मूल्य एक वर्ष से अधिक पुराना होगा तो उसका निर्धारण अंतिम नीलामी मूल्य और एसबीआई पीएलआर (प्रधान ब्याज दर) पर तय की जाएगी। दिशा-निर्देश के तहत लाइसेंसधारक ऑपरेटर स्पेक्ट्रम उपयोग के अधिकार को दूसरे ऑपरेटर को बेच सकेगा। वह आवंटित स्पेक्ट्रम पूरा या उसका कुछ हिस्सा भी बेच सकेगा। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि ऑपरेटर स्पेक्ट्रम आवंटन का दो वर्ष पूरा होने के बाद ही ट्रेडिंग कर सकेंगे। स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग सिर्फ दिशा-निर्देश में जारी ब्लॉक के आधार पर ही की जा सकेगी। इसके तहत 800 मेगाहट््र्ज बैंड में दोगुना 1.25 मेगाहट््र्ज, 900 मेगाहट््र्ज में दोगुना 200 मेगाहटर्ज, 1800 मेगाहटर्ज में दोगुना 200 मेगाहटर्ज, 2100 मेगाहटर्ज में दोगुना पांच मेगाहटर्ज, 2300 मेगाहटर्ज में टीडीडी में 20 मेगाहटर्ज, 2500 मेगाहटर्ज में टीडीडी में 20 मेगाहटर्ज और एफडीडी में दोगुना 10 मेगाहटर्ज की ट्रेडिंग की जा सकेगी।
हालांकि, केवल नीलामी के जरिये खरीदे गए स्पेक्ट्रम या फिर जिसके लिए बाजार कीमत दी गई हो, उसकी ही खरीद-फरोख्त की सकती है। 2013 की नीलामी में आवंटित 800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम शामिल नहीं किया गया है। 2013 की नीलामी में स्पेक्ट्रम सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज ने खरीदा था और कंपनी को 2013 और 2015 के स्पेक्ट्रम मूल्य के अंतर का भुगतान करना होगा। स्पेक्ट्रम के स्थानांतरण के बाद उससे संबंधित देनदारियां एवं दायित्व खरीददार कंपनी को पूरी करनी होंगी। नियमों में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी दूरसंचार आपरेटर को स्पेक्ट्रम के व्यापार की उसकी खरीद के दो साल बाद अनुमति होगी। उद्योग के विरोध के बावजूद सरकार ने खरीदार पर पूरे लेनदेन के लिए एक प्रतिशत का स्थानांतरण शुल्क लगाने का फैसला किया है। हालांकि, दूरसंचार आपरेटरों को यह तय करने की आजादी होगी कि वे किसी मूल्य पर स्पेक्ट्रम की खरीद फरोख्त करते हैं, लेकिन सरकार कर और अन्य शुल्क हाल में नीलामी से निकले मूल्य के आधार पर लगाएगी।
एजेंसियां