देश में दूसरी हरित क्रांति की जरूरत : नरेन्द्र मोदी

हजारीबाग। दूसरी हरित क्रांति की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को किसान समुदाय से खाद्यान्न उत्पादनए खासकर दलहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाने को कहा। कम पैदावार के चलते भारत को दालों का आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान अच्छी गुणवत्ता के बीजों पर्याप्त जल बिजली सही मूल्य और उपज के लिए बाजार की उपलब्धता के मामले में अब भी काफी पिछडे हैं। बरही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखते हुए उन्होंने कहा हम एक संतुलित एवं समग्र योजना तैयार नहीं करते हम किसानों का जीवन बदलने की स्थिति में नहीं होंगे। उत्पादकता बढ़ाने के लिए सायंटिफिक मेथड से खेती किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए मोदी ने कहा कि यह समय देश में दूसरी हरित क्रांति लाने का है क्योंकि इस तरह की पहली क्रांति बहुत पहले आई थी। मोदी ने कहा कि भारत के उत्तरी हिस्से में दूसरी हरित क्रांति लाने की क्षमता है।  पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार पश्चिम बंगाल झारखंड असम ओडिशा में हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मिट्टी के स्वास्थ्य का निर्धारण करने के लिए और अनुसंधान की जरूरत है और बीजों जल की गुणवत्ता उर्वरक की मात्रा के लिहाज से मिट्टी के स्वास्थ्य की स्थिति जानना जरूरी है।