चोरी-चोरी, चुपके-चुपके: पोर्न साईट देखने में भारतीय महिलाएं आगे

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फीचर डेस्क। भारतीयों में प्रतिदिन पोर्न फिल्में देखने की रुचि बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है की पोर्न देखने की आदत लोगों का इसका आदि तो बना ही रही है साथ ही उन्हें सेक्स के उनके विचारों को अतिसंवेदनशील बना रही है। वरिष्ठ मनोचिकित्सक मनीष जैन ने इस समस्या पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि आसक्ति की हद तक पॉर्न देखना, सेक्स के प्रति अतिसंवेदनशील बना सकता है। इससे संबंधों के टूटने की भी नौबत आ सकती है। एक वेबसाइट द डेली बीस्ट द्वारा सेक्स वेबसाइट पॉर्नहब के साथ मिलकर एक अध्ययन किया गया उसमे यह बात सामने आई है कि भारतीय महिलाओं में पहले कि तुलना में पॉर्न वेबसाइट्स देखने की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्तमान में 30 प्रतिशत भारतीय महिलाएं पॉर्न वेबसाइट्स रोजाना नियमित रूप से देखती हैं। भारतीय महिलाएं अपने साथी पुरुषों की तुलना में पोर्न देखने का फर्क धीरे-धीरे मिटाती जा रही हैं। अब वह ऑनलाइन सेक्स की अग्रणी उपभोक्ता के रूप में सामने आ चुकी हैं। भारतीय महिलाओं में पिछले वर्ष की तुलना में ऑनलाइन सेक्स वेबसाइट्स देखने का प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल यह आंकड़ा 26 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया है। वेबसाइट पॉर्नहब ने यह आंकड़ा अपने 4 करोड़ उपभोक्ताओं के डाटाबेस से प्राप्त किया है। न्यूयार्क की एक वेबसाइट मिक डॉट कॉम के द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि पॉर्न अधिकतर पुरुष देखते हैं लेकिन 1980 के बाद जन्में लोगो में महिलाओं में पोर्न देखने की वैश्विक स्तर पर वृद्धि हुई है। हाल के एक लेख में डेनमार्क के दो शोधकर्ताओं ने डेनमार्क के 688 व्यस्कों पर एक अध्ययन किया जिससे साबित हुआ कि पॉर्न के कारण कोई मानसिक या शारीरिक दुष्प्रभाव नहीं होता। बल्कि शोधकर्ताओं ने पाया कि पॉर्न देखने से बेहतर शारीरिक संतुष्टि और जीवन के अन्य क्षेत्रों में लाभ होता है।