प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के तीन लाख पद खालीः

लखनऊ। उत्तर प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि सरकार द्वारा विभागों से रिक्त पदों की जानकारी माॅग कर भर्ती को लम्बे समय तक लटकाए जाने का प्रयास यिका जा रहा है उनका कहना है कि हर विभाग में स्वीकृत पदो ंके सापेक्ष 50 प्रतिषत पद रिक्त है। उन्होने दावा किया कि स्वीकृत पदों के सापेक्ष तीन लाख पद प्रदेष में रिक्त चल हरे है। न न्यायालय का आदेश, न केन्द्र सरकार का कोई निर्णय इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में पिछले बीस वर्षों से चतुर्थ श्रेणी की भर्ती पूर्णतः बंद है। इसके परिणाम स्वरूप विभागों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष अस्सी फीसदी पद रिक्त हो चुके है। इस वस्तु स्थिति से महासंघ कई बार शासन और सरकार को अवगत करा चुका है। महासंघ एक वर्ष पूर्व चतुर्थ श्रेणी की भर्ती को लेकर देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रश्न कर चुका है लेकिन इसका अब तक कोई जबाब नही मिला है। अब इस मामले में प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने प्रान्तीय रैली कर विधानसभा घेराव का निर्णय ले चुका है।
श्री दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार निचले तबके को प्राथमिकता देने का दिखावटी दावा और घोषणाएं करती है जबकि वास्तविकता यह है कि प्रदेश सरकार अपने अधिनस्थ सबसे निचले तबके के कर्मचारियों के प्रति पूरी तरह से गैर जिम्मेदार है। प्रदेश सरकार के अधिनस्थ लगभग हर विभाग में आउट सोर्सिग से चतुर्थ श्रेणी की भर्ती कर विभागीय गोपनीयता, विभागीय चतुर्थ श्रेणी संवर्ग एवं बेरोजगारों के साथ छल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आउट सोर्सिग का सीधा लाभ निजी एजेन्सियों एवं विभागीय अधिकारियों को मिल रहा है। आउट सोर्सिग स्टाफ की नियमावली न होने तथा उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित न होने के कारण विभागों की गोपनीयता भंग हो रही है। यही नही आउट सोर्सिग के माध्यम से बेरोजगार युवकों का के साथ छल किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि एजेन्सियों को सरकार द्वारा हो रहे निर्धारित भुगतान के विपरीत एजेन्सियाॅ आउट सोसिंग में कार्य कर रहे लोगों को औने पौने मानदेय का भुगतान कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस धोखा धड़ी में सम्बंधित अधिकारियों की सहभागिता हैं परिणाम स्वरूप आउट सोर्सिग के माध्यम से काम कर रहे लोग गैर जिम्मेदार एवं अपने हितों को साधने के लिए नियम के प्रतिकुल तक काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा सहयोग चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों ने किया था लेकिन यह सरकार बनते ही सबसे ज्यादा शोषण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का किया गया। श्री दुबे ने आरोप लगाया कि सरकार एवं अधिकारियों की मिली भगत से आउट सोर्सिग को बढ़ावा देकर निजी स्वार्थो के चलते चतुर्थ श्रेणी संवर्ग को समाप्त करने का कुचक्र रचा जा रहा है।