दशहरे के बाद गृहग्राम चल दिये देवी-देवता

bustar desahra

जगदलपुर। दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी देवी की विदाई मंगलवार को होगी। कुटुंब जात्रा में आये सभी देवी-देवता के लाट और छत्र की विदाई हो चुकी है। दशहरा पर्व में शामिल होने आये विभिन्न परगना के देवी-देवताओं के विदाई की रस्म आज सोमवार को कुटुंब जात्रा के साथ शुरू हो गई। गंगामुण्डा स्थित महात्मा गांधी स्कूल परिसर में बने मंडप में सुबह से ही देवी-देवताओं के छत्र तथा डोली का पहुंचना जारी था। दोपहर 12 बजे से शुरू हुए इस विधान में मन्नत पूरी होने पर भक्तों ने बकरा, कबूतर, मुर्गी बत्तख आदि अर्पित किया। वहीं मन्नत मांगने वाले भक्तों की लाईन लगी रही।
पूजा विधान के चलते स्कूल के आस-पास नारियल व फूलों की अच्छी बिक्री हुई। 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा के विभिन्न विधानों में कुटुंब जात्रा का विशेष महत्व माना जाता है। बस्तर दशहरे की रस्म काछन जात्रा के दौरान इस पर्व से जुड़े सभी महत्वपूर्ण व्यक्ति तथा राज्य परिवार के लोग शामिल थे। दूर-दराज के आये सभी देवी-देवताओं के छत्र व डोलियों को विदा करने के बाद कल मंगलवार को मां दंतेश्वरी की विदाई धूमधाम से होगी। जानकारी के अनुसार कुटुंब जात्रा के बाद आने वाले मंगलवार को दंतेश्वरी मंदिर से पूजा-अर्चना करने के बाद आतिशबाजी, बैंड-बाजे व जयकारे के बीच माता दंतेश्वर के छत्र व डोली की विदाई होती है। इस दिन मंदिर परिसद से गीदम रोड स्थित जिया डेरा तक भक्तों की काफी भीड़ होती है। बस्तर दशहरे की मुख्य रस्म मुरिया दरबार भीतर रैनी तथा बाहर रैनी के बाद भी कुछ पवित्र रस्मे होना बाकि है। रविवार को काछन जात्रा गंगामुण्डा के पास बनी गुड़ी में हुई तथा देवी दंतेश्वरी की दंतेवाड़ा विदाई के साथ पर्व संपन्न होगा।
एजेंसी आरएनएस