गुरु समान परम पवित्र भगवा ध्वज

प्रहलाद सबनानी। भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति में आस्था रखने वाले व्यक्तियों के लिए उनके जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा माना गया है। परम पूज्य गुरुदेव जीवन में आने वाले विभिन्न संकटों से न केवल उबारते हैं बल्कि इस जीवन को जीने की कला भी सिखाते हैं ताकि इस जीवन को सहज रूप से जिया जा सके। भारत के मठ, मंदिरों एवं गुरुद्वारों में इसलिए प्रत्येक वर्ष व्यास पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन का विशेष पर्व मनाया जाता है एवं इस शुभ दिन पर गुरुओं की पूजा अर्चना की…

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महिंद्रा ने उतारी बेजोड़ नई स्कॉर्पियो-एन

अनिल बेदाग़,मुंबई। भारत में एसयूवी सेगमेंट में अग्रणी, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने आज अपनी बहुप्रतीक्षित एसयूवी – ऑल-न्यू ‘स्कॉर्पियो-एन’ लॉन्च की। इसकी कीमत 11.99 लाख रुपये है। स्कॉर्पियो ब्रांड की ‘गेम-चेंजर’ की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार, नई स्कॉर्पियो-एन को इसकी श्रेणी-अग्रणी विशेषताओं, खूबियों और क्षमताओं के साथ एसयूवी सेगमेंट की नई परिभाषा गढऩे के लिए डिज़ाइन, इंजीनियर और तैयार किया गया है। ऑल-न्यू स्कॉर्पियो-एन पूरी तरह से नई है, जिसमें मौजूदा स्कॉर्पियो का कोई कैरीओवर घटक नहीं है। यह ऑल-न्यू स्कॉर्पियो-एन को सभी महत्वपूर्ण मापदंडों पर…

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महंगी होती खाद से खेती करना मुश्किल

प्रियंका सौरभ। उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरक खेतों की उर्वरता बनाए रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। भारत अपनी उर्वरक आवश्यकताओं के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है। भारत में उर्वरकों की वर्तमान लागत एक खनिज संसाधन-गरीब देश के लिए वहन करने के लिए बहुत अधिक है। 2021-22 में, मूल्य के संदर्भ में, सभी उर्वरकों का आयात $ 12.77 बिलियन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया। भारत द्वारा उर्वरक आयात का कुल मूल्य, घरेलू उत्पादन में उपयोग किए गए इनपुट सहित, 2021-22 में $ 24.3 बिलियन…

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भारत ने विश्व प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में लगाई लम्बी छलांग

प्रहलाद सबनानी। अभी हाल ही में, 15 जून 2022 को, स्विटजरलैंड स्थित प्रबंधन विकास संस्थान (इन्स्टिटयूट फोर मेनेजमेंट डेवलपमेंट) द्वारा विश्व प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक जारी किया गया है। इस सूचकांक में भारत ने, एशिया के सभी देशों के बीच, सबसे लम्बी छलांग लगाते हुए पिछले वर्ष के 43वें स्थान से इस वर्ष 37वां स्थान प्राप्त किया है। उक्त सूचकांक में भारत की यह लम्बी छलांग विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में किए जा रहे कई महत्वपूर्ण सुधार कार्यक्रमों के चलते सम्भव हो सकी है। वर्ष 1989 से ही प्रबंधन विकास संस्थान,…

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जैव विविधता के महत्व को रेखांकित करती है सनातन भारतीय संस्कृति

प्रहलाद सबनानी। सनातन हिंदू संस्कृति में किसी भी जीव की हत्या निषेध है और ऐसा माना जाता है कि अपने लिए पूर्व निर्धारित भूमिका को निभाने के उद्देश्य से ही विभिन्न जीव इस धरा पर जन्म लेते हैं एवं सभी जीवों में आत्मा का वास होता है। इसलिए हिंदू धर्मावलम्बियों द्वारा पशु, पक्षियों, पेड़, पौधों, नदियों, पर्वतों, आदि को भी ईश्वर का रूप मानकर पूजा जाता है। कई पशु एवं पक्षी तो हमारे भगवानों के वाहन माने जाते हैं। जैसे, भगवान गणेश का वाहन मूषक को माना जाता है, मां…

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