पर्यटन के लिए गांवों का तलाशा जाएगा इतिहास

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। जिले में पर्यटन की संभावनाएं तलाशने के लिए जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों की विशेषताओं के बारे में जानकारियां जुटा रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी ने गांव-गांव की गौरव गाथा योजना शुरू की है। इसके तहत जानकारियां जुटाने के लिए राजस्व विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है। जिले के गांवों की विशेषताओ का ब्यौरा एकत्र होने के बाद यह पर्यटन विभाग को उपलब्ध करवाकर परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद पर्यटन की संभावनाओं वाले प्रोजेक्ट तैयार कर उन पर अमल किया जाएगा। जिला अधिकारी का मानना है कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में विरासत को सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है। इसलिए उन्होंने गांव-गांव की गौरव गाथा योजना की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन गांव गांव की गौरव गाथा योजना के तहत 18 बिंदुओं पर सूचना एकत्र करा रहा है जिसमें ग्राम का नाम, ग्राम की आबादी, ग्राम से जुड़ा हुआ कोई इतिहास, ग्राम की स्थापना को लेकर कोई कहानी, ग्राम के प्रमुख स्थान का कोई विवरण, प्रमुख स्थान से जुड़ी हुई यदि कोई कहानी है तो उसका विवरण, ग्राम में मनाए जाने वाले कुछ अलग तरह के त्यौहार, होली, दीपावली, ईद जो प्रमुख पारंपरिक पर्व हैं उनको मनाया जाने में कोई अलग विधि है तो उसका विवरण,ग्राम में कोई सांस्कृतिक पृष्ठभूमि/ साहित्य/ कला /संगीत /नृत्य आदि का कोई पारंपरिक प्रचलन, ग्राम की वेशभूषा में कोई विशेषता, ग्राम में खानपान के प्रकार और यदि कोई विशेष प्रकार का व्यंजन बनता हो तो उसका विवरण और उसकी विशेषता, ग्राम में खेले जाने वाले खेलों का विवरण, कितने प्रतिशत आबादी खेल से जुड़ती है, क्या प्रतिदिन खेल होता है यदि होता है तो कौन-कौन से खेल होते हैं, ग्राम का कोई ऐतिहासिक विवरण यदि है तो उसका इतिहास, ग्राम में पैदा की जाने वाली फसल, ग्राम में पैदा की जाने वाली सब्जी एवं ग्राम के इतिहास में ऐसे व्यक्ति का विवरण तैयार करना जिन्होंने जिले/ प्रदेश/ देश का सम्मान और गौरव बढ़ाया है, का विवरण मांगा जा रहा है। जिलाधिकारी ने योजना से संबंधित सूचनाएं एकत्र कराने के लिए 15 दिन का समय तय किया है। इस कार्य में राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि जब यह सूचना एकत्र हो जाएंगे तो ब्यौरा पर्यटन विभाग को भेज कर उसका परीक्षण कराया जाएगा। परीक्षण के बाद जो नए प्रोजेक्ट सामने आएंगे, उन्हें पर्यटन से जोड़ा जाएगा तथा उनका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। इससे जनपद में रोजगार को बढ़ावा मिल सकेगा और बाहर से जो पर्यटक आएंगे उनसे जनपद की ख्याति बढ़ेगी।