राममंदिर के लिए पहली बार संघ खुल कर सामने

धर्मसभा की पूरी जिम्मेदारी संघ के पदाधिकारियों के जिम्मे,
अयोध्या। अयोध्या में 25 नवंबर की धर्मसभा को लेकर पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खुल कर सामने है। इसके पीछे विहिप में अशोक सिंघल जैसे नेतृत्व का अभाव है या संघ की दिलचस्पी। धर्मसभा के लिए संघ की सक्रियता भीड़ जुटाने से लेकर सभा के आयोजन तक के हर स्तर पर है।
अयोध्या के अब तक के आंदोलनों में विहिप आगे रहती थी, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पीछे से ताकत देने का काम करता रहा है। इस बार के हालात बदले हुए है। संघ न सिर्फ सामने है बल्कि प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी संभाल रही है, विहिप सहयोगी भूमिका में है।
अयोध्या आंदोलन के जानकार टी नरायन ने कहा कि ‘पहले मंदिर निर्माण पर सर संघचालक मोहन भागवत का बयान आया। अब अयोध्या की धर्मसभा के आयोजन की बागडोर संघ ने अपने हाथों में ले ली है।’ पहली बार राम मंदिर के आंदोलन में खुले आम संघ के सरकार्यवाह सुरेश जोशी भैयाजी अयोध्या पहुंच कर तैयारियों को परखा है। उनके साथ सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल भी मौजूद थे। इसके बाद लखनऊ में स्वयं सेवकों व पदाधिकारियों के साथ बैठक में संघ की मंशा भी साफ कर दी। उन्होने कहा है कि ‘मंदिर निर्माण हिंदू समाज का सपना है। इस सपने को साकार करना संघ परिवार की जिम्मेदारी है। इसके लिए संघ कटिबद्ध है।’
संघ की बैठक में धर्मसभा की पूरी कमान संघ परिवार के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के हाथ में रखने के लिए कहा गया है। रामभक्तों की भीड़ कहां से कितनी, कैसे और कब अयोध्या पहुंचेगी इसका ब्यौरा अलग-अलग स्थानों से जाने वाले लोगों की संख्या और साधन के बारे में भी संघ के पास है। सरकार्यवाह सुरेश जोशी भैया ने प्रांत और विभाग स्तर के पदाधिकारियों से कहा है कि धर्मसभा में अयोध्या जाने वाले रामभक्तों के समूहों को छोटा रखा जाए, यदि किसी क्षेत्र से जाने वालों की संख्या ज्यादा हो तो उन्हे बांटकर ले जाया जाए।
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धर्मसभा में शामिल होने एक लाख के लिए भोजन का इंतजाम,
अयोध्या में 25 नवंबर की धर्मसभा में एक लाख से अधिक रामभक्तों के आने की संभावना को देखते हुए रामभक्तों से अपना भोजन साथ लेकर आने के निर्देश दिये गए है। संभावना है कि दो लाख लोग धर्मसभा में पहुंचेगें। पूरी स्थिति पर नियंत्रण के लिए जिला प्रचारकों को 24 की दोपहर से 25 की सुबह तक लोगों को अयोध्या भेजने की जिम्मेदारी दी गई है।
बैठक में तय किया गया कि धर्मसभा के लिए लोगों को 24 नवंबर की रात से ही अयोध्या पहुंचने को कहा जा रहा है। यह भी निर्देश दिये गए है कि संघ से जुड़े लोग वहां इन सबके भोजन और ठहरने की जिम्मेदारी उठाएं। बैठक में जिला प्रचारकों को 24 की दोपहर से 25 की सुबह तक सभी जगह से लोगों को अयोध्या भेज देने की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह भी कहा गया कि रामभक्ता के समूह को आपस में जोड़ कर व्हाटसएप ग्रुप व लोगों को एसएमएस भेजकर भी आपस में तालमेल बनाए रखते हुए अयोध्या पहुंचें।

25 को अयोध्या के पश्चिम में सुरक्षा बल,
तो पूर्वी क्षेत्र में रामभक्तों का रहेगी चहल पहल
अयोध्या में 25 नवंबर की धर्म सभा में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर रहा है। अयोध्या के बीचों-बीचों से गुजरने वाले गोंडा मार्ग के पश्चिमी की तरफ जिसे राम कोट का इलाका कहते है, जिसमें राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनकभवन सहित तमाम धार्मिक स्थल है पूरी तरह सुरक्षा बलों के कब्जे में रहेगें। जबकि पूर्वी हिस्से में रामभक्तों की चहल पहल रहेगी।
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