रक्षाबंधन पर राजनीति: पुराना दौर जो गुजर गया

maya and tondonलखनऊ। राजनीति भी अजब खेल दिखाती है। एक समय था जब बीएसपी और बीजेपी सत्ता को बांटने का खेल खेलते थे। मायावती भाजपा के वरिष्ठï नेता लालजी टंडन को राखी बांधती थी जोकि एक मिसाल दी जाती थी। भाई-बहन के उस प्यार को लोग काफी समय से भूले भी नहीं हैं मगर बीजेपी और बीएसपी की राहें जुदा हो गयीं। बीजेपी जहां जहरीली जुबान से मायावती को छलनी करने में लगी है वहीं बीएसपी चीफ मायावती के इशारे पर उनके परम भक्त लोग बीजेपी को कुछ भी कहने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। इसे राजनीति का अजब खेल ही कहेंगे। माया और बीजेपी की नजदीकियां किस कदर थीें यह यूपी की जनता से बेहर कौन जान पायेगा जिसने साल के छह-छह महीने का कार्यकाल देखा है। एक बार तुम बनो तो एक बार हम बनें। आज रक्षाबंधन है और इसीदिन माया और टंडन मिले और उन्होंने भाई-बहन के रिश्ते को निभाया। मगर राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं और जो होता है वह दिखता नहीं। आज हालात एकदम उलट हैं। दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे को गालीकांड में उलझाये हैं।