कैदी ने बैंक से नोट बदलने के लिए मांगी जमानत

jailअहमदाबाद (आरएनएस)।  500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद करने के मोदी सरकार के फैसले का समाज के हर तबके पर असर नजर आ रहा है। इन सबके बीच एक अनोखा मामला सामने आया है। अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद एक कैदी ने पुराने नोटों को बैंक से बदलवाने के लिए कोर्ट में अर्जी देकर जमानत मांगी है। बीते 21 अक्टूबर से जेल में बंद इस शख्स पर मानव तस्करी का आरोप लगा है। आरोपी शख्स नरोदा के रहने वाले भरत माली (40 वर्ष) कृष्णानगर स्थित स्वप्न सृष्टि मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का निदेशक है। भरत माली पर पुणे की एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसने ही उसे ह्युमन ट्रैफिकिंग में फंसाया। अदलज पुलिस के अनुसार, महिला का आरोप था कि भरत ने उसे काम दिलाने के बहाने पुणे से अहमदाबाद बुलाया, लेकिन बाद में उसे मानव तस्करी के धंधे में धकेल दिया। महिला की शिकायत के आधार पर अदलज पुलिस ने भरत माली को 21 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और बाद में उसे साबरमती केंद्रीय कारागार भेज दिया गया। उसने इससे पहले 26 अक्टूबर को भी जमानत की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था। भरत ने दूसरी बार उसने गुजरात हाईकोर्ट से यह सोचकर अपनी अर्जी वापस ले ली कि उसे फिर से खारिज कर दिया जाएगा। लेकिन, शुक्रवार को उसने गांधीनगर कोर्ट में एक बार फिर जमानत के लिए याचिका दायर की, जिसमें उसने कहा है कि उसे 500 व 1000 के पुराने नोटों को बदलने के लिए जमानत चाहिए। भरत के वकील जगत पटेल ने बताया कि भरत, 25 बेड वाले अस्पताल के निदेशक हैं जो सितंबर 2015 में शुरू हुआ था। 2001 से भरत इनकम टैक्स भर रहे हैं। लिहाजा दूसरे नागरिकों की ही तरह उन्हें भी अपने पुराने 500-1000 के नोट बदलने के लिए जमानत मिलनी चाहिए। उनके क्लायंट को अस्थायी जमानत चाहिए। अगर हम चार्जशीट का इंतजार करेंगे तो बहुत देर हो जाएगी। क्योंकि तब तक पुराने नोट बदलने की समय सीमा खत्म हो चुकी होगी और मेरे मुवक्किल को काफी नुकसान होगा।