विस्फोटक आबादी और पुलिस बल संख्या है आधी

  • सुलतानपुर। मामला कानून व्यवस्था कायम रखने, अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण रखने का है। आखिर क्यों शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में अपराधियों की संख्या बढ़ी है। सगीन अपराधों में तेजी आई है। ज्यादातर मामले में पुलिस क्यों फेेल हो रही है। इस पर šदेष सरकार और šदेष पुलिस šमुख को कुछ करना पड़ेगा वरना अपराधों की बाढ़ नियंत्रण होना मुष्किल है। जनपदों में पुलिस बल की संख्या जिस हिसाब से है उससे तो अपराध पर अंकुष लगाना नामुमकिन है। कारण स्पष्ट है कि पुलिस अ बवह सारा काम कर रही है जो पहले नही करती थी। यानी नाली, खड़ंजा, मकान दुकान बनवाना और गिरवाना, जमीनों की पैमाइष करवाना, मरीजों को अस्पताल पहुंचाना, लाषों को उठाना, पोस्टमार्टम करवाना, अपराध रोकना, अपराधियों को पकडना आदि काम पुलिस के पास पहुंच गया है, परन्तु इनकी संख्या इतनी कम है कि सुबह से शाम तक ये पस्त हो जाते हैं, लेकिन इन्हे 24 घंटे काम करना पड़ता है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि जिस थाने पर पांच से छह दरोगा होना चाहिए वहां बड़े मुष्किल से दो दरोगा ही तैनात हैं। जहां 25-30 पुलिस कर्मी की अवष्यकता है वहां पांच से 10 सिपाहियों से 24 घंटे काम किया जा रहा है। आखिर पुलिसवाले भी तो इंसान हैं। वह भी थक जाते होंगे, परन्तु उन्हे थकना मना है। रात्रि में गष्त करना, दिन में विभिन्न šकार के कार्यों को अंजाम तक पहुंचाना यानि एक थाने का क्षेत्रफल और आबादी पर नजर डाली जाए और उसी थाने पर तैनात थानाध्यक्ष सहित पुलिसकर्मियों की संख्या देखी जाए तो बड़ा हास्यस्पद लगता है कि मुठ्ठी पर पुलिस वाले लाखों लोगों की हिफाजत कर पाएंगे कतई नही। यानि सारा मामला भगवान भरोसे चल रहा है। इन्ही तमाम कारणों के चलते अपराधी बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं और आराम से खुली हवा में घूमते हैं। जिस मामले में दबाव ज्यादा हुआ उसमें पुलिस मामले तक पहुंच जाती है। वरना पीडिघ्त थाने कोतवाली का चक्कर लगाते लगाते थक जाता है। लोग पुलिस को निकम्मा, रिष्वतखोर और न जाने क्या क्या कहते हैं, लेकिन फिर भी पुलिस अपना फर्ज निभाती है। चाहे कम हो या ज्यादा परन्तु अन्य सरकारी विभागों ने तो सारी शर्म हया छोड़ रखी है वरना एनआरएचएम घोटाला, मनरेगा घोटाला, दवा घोटाला आदि न होता, लेकिन यह सच है कि पुलिस लापरवाह है हैषियत और औकात देखकर काम कर रही है। इस बुराई को पुलिस विभाग से खत्म करना पड़ेगा। थाना कोतवाली में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल भेजना पड़ेगा। तभी पुलिस का इकबाल बढेगा और मित्र पुलिस का चरित्र उभरकर लोगों के सामने आएगा।