सरकार की छीछालेदर कराने में जुटा स्वास्थ्य महकमा

सुलतानपुर। जिला अस्पताल मरीजों की सेवा के लिए आपसी खींचतान के लिए मषहूर हो चुका है। सरकारी अस्पताल में निर्धारित संख्या से कम डाक्टर व अन्य स्टाफ होने के बाद भी अपने अपने क्षेत्र के माहिर डाक्टर मौजूद हैं परन्तु अब क्या मुख्य चिकित्साधीक्षक और क्या अन्य डाक्टर मरीजों को ठीक करने के बजाए एक दूसरे को ठीक करने में दिमाग खपा रहे हैं। ज्यादा नही पूर्व के तीन चार साल पहले का टै┼क रिकन्नर्ड खंगाला जाए तो डाक्टरों ने इतिहास रच दिया है परन्तु डाक्टर अब उसी इतिहास पर अपने कार्यों से कालिख पोतने पर आमादा हैं। इनके आपसी खींचतान के चलते आज अस्पताल सुविधा संपन्न होते हुए गरीबों को लाभ देने में फिसýी साबित हो रहा है। पूर्व में सरकारी अस्पताल में संषाधनों की कमी के बावजूद सर्जरी में इतिहास बनाने वाले डाक्टर शासन द्वारा निर्धारित सर्जरी से तीन गुना अधिक अन्नपरेषन करने वाले डाक्टर वीबी सिंह आज अपनी धार खो चुके हैं। कारण अब उन्हे अस्पताल के मुखिया का साथ नही मिल पा रहा है। बड़े मुष्किल से सप्ताह में दो दिन उन्हे ओटी मिलती है। उस पर भी बेहोषी का डाक्टर मरीजों को बेहोषी देने में समय पर उपलब्ध नही होता है। जिसके चलते आज गरीबों को सर्जरी के मामले में šाइवेट नर्सिंगहोमों में जाना पड़ रहा है। šाइवेट अस्पताल का खर्च उठाने में सूदखोर के सहारे के साथ ही अपना जेवर और जमीन तक बेचना पड़ रहा है। आखिर ये हालात कैसे बने। पूर्व में भी मुख्य चिकित्साधीक्षक रहे हैं आपस में खींचतान भी चलती रही परन्तु गरीबों का अहित नही हुआ, लेकिन डाक्टर आरएस सरोज के जिला अस्पताल के मुखिया बनते ही हालात इतने बदतर कैसे हो गए। डाक्टर अपने फर्ज से क्यों मुंह मोड़ रहे हैं आज भी वही डाक्टर वीबी सिंह हैं काम करने का अंदाज वही है फिर उन्हे ओटी और एनेस्थेटिक क्यों नही उपलब्ध कराया जाता। आखिर किस साजिष का षिकार अस्पताल हो रहा है। क्यों गरीबों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। क्यों सरकार की छीछालेदर करवाई जा रही है। जबकि आज अस्पताल में सुविधाएं बढ़ी हैं फिर भी उसका लाभ गरीबों को नही मिल पा रहा है।