हाईकोर्ट का आदेश: गन्ना किसानों का करें भुगतान, नहीं तो होगी कार्यवाही

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इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं करने वाली चीनी मिलों के मालिकों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। प्रदेश सरकार को हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि जिन मिलों ने भुगतान नहीं किया है उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। राष्ट्रीय किसान मजदूर यूनियन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति मुख्तार अहमद की खंडपीठ ने दिया।
याची वीएम सिंह का कहना था कि हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश के बावजूद कई मिलों ने किसानों को भुगतान नहीं किया है। 31 चीनी मिलों ने 13 अक्टूबर के बाद कोई भुगतान नहीं किया। सरकारी चीनी मिलों पर भी देनदारी है। कोर्ट को बताया कि 29 जुलाई को जब हाईकोर्ट ने भुगतान का आदेश दिया था उस समय 7457.04 करोड़ रुपये का बकाया था। इसमें से 4273.10 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। 1682.10 करोड़ रुपये अभी भी बकाया हैं। वीएम सिंह का कहना था कि चीनी मिलों ने 7111 करोड़ रुपये का कर्ज सरकार से लिया है। इस रकम से सबसे पहले किसानों का भुगतान होना चाहिए था, मगर मिलों ने कर्ज ली गई रकम दूसरे मद में खर्च कर दी। मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने बताया कि भुगतान नहीं करने वाली मिलों से रिकरवी की कार्रवाई की जा रही है। 38 मिल मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वसूली के लिए आरसी जारी की गई है। कोर्ट ने जानना चाहा कि ऐसे लोगों की गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि मोदी की मलिकपुर मिल की प्रापर्टी जब्त कर ली गई है। नीलामी के लिए प्रक्रिया जारी है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से 17 नवंबर तक हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि चीनी मिलों ने बैंकों से कितना कर्ज लिया हैए उसमें किसानों को कितना भुगतान किया गया। भुगतान नहीं करने वालों पर क्या कार्रवाई की गई है।