यूपी में सभी दलों के लिए संदेश लेकर आये बिहार के नतीजे

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योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। बिहार के चुनाव नतीजे यूपी में सभी दलों के कोई न कोई संदेश लेकर आए है। वहां के चुनाव नतीजे जहां भाजपा के लिए सबक है वहां के नतीजों से बसपा खासी उत्साहित है। जबकि कांग्रेस को भी उत्तर प्रदेश में अपना हाथ मजबूत होने की उम्मीद जगी है तो सबसे ज्यादा सहमी समाजवादी पार्टी है। उसे लगने लगा है कि वहां के चुनाव नतीजों पहले से पंचायत चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित बसपा को लगता है कि बिहार में भाजपा के कमल न खिलने का फायदा यहां उसे ही मिलने वाला है। भाजपा नेतृत्व को भी लग रहा था कि बिहार में बेहतर प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश में उसकी राह आसान होगी लेकिन अब लगने लगा है कि उसकी राह में काफी दुश्वारियां होगी। हालांकि उत्तर प्रदेश के चुनाव में अभी डेढ़ साल से ज्यादा का समय बाकी है लेकिन चुनावी तैयारियों के मामलें बाकी दलों की अपेक्षा बसपा न सिर्फ सबसे आगे है बल्कि अन्य दलों की अपेक्षा काफी आशान्वित भी है। बिहार के चुनाव नतीजों यूपी के बाकी दलों के लिए भी कोई न कोई संदेश लेकर आए है। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव का बिहार के महागठबंधन से अलग होना कहीं न कहीं से घाटे का सौदा साबित हुआ। उनके अलग होने से न तो महागठबंधन को नुकसान हुआ न ही भाजपा गठबंधन को कोई फायदा हुआ। गैर भाजपा दलों के नाम पर जो धर्मनिर्पेक्ष दल इक_ïा हुए थे उनमें मुलायम सिंह यादव के एकाएक बीच में ही अलग हो जाने से राजनीतिक पंडितों ने यह अनुमान लगाया कि वे ऐसा करके कहीं न कहीं एनडीए की मदद कर रहे है लेकिन जो नतीजे आए उनसे साफ हो गया है कि उनके रहने या न रहने से वहां किसी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद बिहार में 25 सीटे मिलने के बाद कांग्रेस को मानो कुछ संजीवनी मिली है। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार उसे मुस्कराने का मौका मिला है।