प्रत्येक गांव में मातृत्व सप्ताह का हो आयोजन: आलोक रंजन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि पंचायत चुनाव के उपरान्त माह दिसम्बर में अतिकुपोषित बच्चों के चिन्हांकन हेतु संपन्न वजन दिवस अभियान की भांति जिलाधिकारियों की देखरेख में प्रत्येक गांव में मातृत्व सप्ताह का आयोजन कराया जाये। मुख्य सचिव ने कहा कि मातृत्व सप्ताह के अन्तर्गत हाई रिस्क गर्भ सम्बन्धी महिलाओं का विशेष हेल्थ कार्ड बनवाने के साथ-साथ उसकी ऑन लाइन पैकिंग की व्यवस्था अवश्य सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों एवं चिकित्सकों द्वारा मातृत्व सप्ताह के दौरान प्रत्येक सेशन के हाई रिक्स गर्भ सम्बन्धी प्रकरणों के पर्यवेक्षण की व्यवस्था पृथक-पृथक स्वतंत्र रूप से करायी जाये। उन्होंने कहा कि मातृत्व सप्ताह अभियान के परिणामस्वरूप चिन्हित कुपोषित महिलाओं को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन के अन्तर्गत प्रस्तावित किये जा रहे मोबाइल अस्पताल जिसमें जीपीएस, वेब बेस्ट ट्रैकिंग व्यवस्था एवं रोगियों के फालोअप आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुये एएनएम सेण्टर पर प्रत्येक माह लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराये जाने का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने कहा कि किशोरियों एवं महिलाओं के उपयोगार्थ पंचायत उद्योग के रूप में सेनेटरी नैपकिन यूनिट की स्थापना प्रदेश के कम से कम 40 जनपदों में आगामी 15 दिसम्बर तक अवश्य सुनिश्चित करा दी जाये। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में से कम से कम तीन जनपदों में वर्तमान माह के अंत तक सेनेटरी नैपकिन यूनिट की स्थापना अवश्य हो जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम की विषय वस्तु में कुपोषण इण्टर जेनरेशन साइकिल, ग्रोथ-मॉनीटरिंग की महत्ता एवं स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य, आईसीडीएस एवं पंचायती राज विभागों के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को अवश्य सम्मिलित किया जाये।