अयोध्या से जुड़े हैं छोटा राजन के तार

rajan newफैजाबाद। अंडरवल्र्ड डॉन छोटा राजन के तार अयोध्या से भी जुड़े रहे हैं। गत वर्ष 31 जुलाई को डॉन के शार्प शूटर विशेश्वर को यहां गिरफ्तार किया गया था। दाऊद के करीबी गुजरात के हवाला कारोबारी अफरोज हसन फट्टा पर कातिलाना हमला करने में शामिल विशेश्वर हवाई जहाज से दुबई से 30 जुलाई को लखनऊ अमौसी एयरपोर्ट पहुंचा और आलमबाग के एक होटल में कमरा लेकर रुका था। दूसरे दिन सुबह वह अयोध्या के लिए रवाना हुआ था, लेकिन पटरंगा के पास फैजाबाद क्राइम ब्रांच ने उसे दबोच लिया।
अयोध्या में पैठ बनाने और वर्ष 1995-96 में यहां पर हत्या की दो वारदातों को अंजाम देने वाले माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के बाद छोटा राजन के गुर्गे विशेश्वर की गिरफ्तारी ने इस आशंका को गहरा दिया कि अंडरवल्र्ड फिर धर्मनगरी को अपने अड्डा बनाने की फिराक में है। वाराणसी में भाई के साथ रेस्टोरेंट चलाने वाले विशेश्वर की महत्वाकांक्षा उसे मुंबई ले गई। वहां विवादित भूमि खरीदने और बेचने का काम शुरू किया। यहीं उसका संपर्क गुजरात के रहने वाले समीर से हुई। उसकी मदद से उसने छोटा राजन के गिरोह में पैठ बनाई और डॉन का करीबी भी बन गया। छोटा राजन ने गत वर्ष दाऊद के करीबी अफरोज हसन फट्टा की हत्या के लिए विशेश्वर को अहमदाबाद भेजा, लेकिन हमले में फट्टा बच गया।
विशेश्वर की गिरफ्तारी के बाद छोटा राजन के नेटवर्क से जुड़े लोगों की तलाश में एक नाम लखनऊ के युवक राकेश का भी आया। उसी ने विशेश्वर को पिस्टल देकर फैजाबाद की बस में बैठाया था और पटरंगा के पास उतरने के लिए कहा, जहां राजेश नाम का युवक मिलने वाला था। यह अब तक नहीं पता चला कि विशेश्वर का अयोध्या मिशन क्या था। उससे पुलिस कुछ उगलवा पाती उससे पहले ही गुजरात पुलिस फट्टा पर जानलेवा हमले के मामले में ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात लेकर चली गई।
सुरक्षा तंत्र के अनुसार छोटा राजन से बात करने के लिए विशेश्वर लोकल सिम के जरिए संदेश समीर को भेजता था। समीर सेटेलाइट फोन के माध्यम से पप्पू से बात करनी है कोड से संदेश डॉन तक पहुंचाता और फिर इंटरनेशनल सिम वाले डॉन की फोन कॉल से उसे अगले कदम की जानकारी दी जाती थी। जितने भी व्यक्ति मूवमेंट से जुड़े होते थे उनका सिर्फ नाम बताया जाता था, पता नहीं। यही कारण है कि राजेश, राकेश व समीर जैसे लोग पुलिस के लिए अभी तक पहेली बने हुए हैं।
साभार जगारण