एसएनए कर्मी आमरण अनशन पर: बढ़े रिटायरमेंट की अवधि

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लखनऊ। प्रदेश की विलुप्त होती कलाओं व संस्कृतियों के संरक्षण उनके प्रदर्शन के साथ ही कलाकारों एवं साहित्यकारों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी के कर्मचारी पेंशन, गे्रच्युटी तथा कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 58 से बढ़ाकर 60 साल किये जाने की मांग को लेकर मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठेंगे।
प्रदेश सरकार के दोहरे मापदंड तथा संस्कृति मंत्री एवं सचिव संस्कृति द्वारा लगातार इन संस्थाओं के कर्मचारियों की समस्याओं को दरकिनार किये से आहत उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी एवं कथक केन्द्र कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र ने बताया कि 14 जुलाई से वह कर्मचारियों के हितों का ध्यान में रखते हुए आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस दौरान यदि उनके साथ कोई भी जान माल की क्षति होती है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी संस्कृति विभाग, उ.प्र. शासन और सरकार की होगी।
सुरेश चंन्द्र ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जहां प्रदेश के 22 स्वायत्तशासी संस्थाओं में से 10 संस्थाओं के कर्मचारियों को पेंशन, गे्रच्युटी व अधिवर्षता आयु 58 से 60 साल सहित अन्य सुविधाएं लागू कर दिया गया वहीं बाकी के संस्थाओं को इन सुविधाओं से वंचित रखा है जिससे कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में चला गया है। उन्होंने बताया कि अकादमी की लम्बित 7 सूत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए सचिव संस्कृति अनीता मेश्राम एवं संस्कृति मंत्री अरूणा कुमारी कोरी को 15 दिनों की समय सीमा देने के बाद भी जब किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई तो वह 24 जून से धरना शुरू कर दिया था। धरने के 13वें दिन संस्कृति मंत्री ने अपने कक्ष में बुलाकर अश्वासन दिया था कि आपकी मांगों को निराकरण अगली कैबिनेट की बैठक में निश्चित रूप से हो जायेगा अत: इस धरने को समाप्त कर दिया जाये। इसके बाद भी 13 जुलाई तक पूर्व में दिये गये पत्र पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि जिस तरह आज हम प्रदेश की कला व संस्कृति को सहेजने तथा उसके संवर्धन में अहम भूमिका निभा रहे वहीं कर्मचारियों को आज भी पेंशन, ग्रेच्युटी, एसीपी तथा 58 साल में रिटायरमेंट का दंश झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ललित कला अकादमी, अयोध्या शोध संस्थान, संगीत नाटक अकादमी और भारतेन्दु नाट्य अकादमी में एक-एक कर्मचारी सेवानिवृत्त होते जा रहे तथा इस 31 जुलाई को 2 कर्मचारी और रिटायर हो जायेंगे। वर्तमान में इन 4 संस्थाओं में कुल 55 कर्मचारी बचे हुए है।