सहारा मामला : जब कोर्ट रूम में लगी बोली

Subrata-Roy-Sahara-PTI
नई दिल्ली। सहारा ग्रुप की यूपी के गोरखपुर में 140 एकड़ की प्रॉपर्टी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बोलियां लगीं। यह ऑक्शन प्रोसेस 16 महीने से तिहाड़ जेल में बंद सहारा चीफ सुब्रत रॉय की जमानत अर्जी से जुड़ी थी। बोली लगने की शुरुआत 110 करोड़ रुपए से हुई। दौड़ में दो रियल एस्टेट कंपनियां थीं। यह सब कुछ कोर्टरूम के अंदर जज के सामने हो रहा था। जैसे ही बोली 150 करोड़ रुपए पर पहुंची तो जज ने दोनों कंपनियों को रोक दिया। कहा- पहले 31 जुलाई तक जमा कराएं। फिर 3 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि प्रॉपर्टी किसे और कैसे बेची जाएगी। इन्वेस्टर्स के 24 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के मामले में 64 साल के सुब्रत रॉय 4 मार्च 2014 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनकी जमानत के लिए सहारा ग्रुप प्रॉपर्टी बेचकर रकम जुटा रहा है। इसी के तहत गोरखपुर की प्रॉपर्टी बेची जानी है। समृद्धि डेवलपर्स 64 करोड़ रुपए में प्रॉपर्टी खरीदने को तैयार हो गई थी। लेकिन गोरखपुर रियल एस्टेट कंपनी इस पर एतराज जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर दी। 7 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर डेवलपर्स से कहा था कि वह इस दौड़ में बने रहने का भरोसा दिलाए। इस पर गोरखपुर डेवलपर्स ने 11 करोड़ रुपए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराए। समृद्धि डेवलपर्स कंपनी भी बैंकर्स की तरफ से चेक देकर यह जता चुकी थी कि वह यह प्रॉपर्टी खरीदना चाहती है।